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बरेली की रबर फैक्ट्री में घूम रही बाघिन को पकड़ने में बारिश डाल सकती है रोड़ा, जानें कैसे

Tigress in bareilly फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में डेढ़ साल से घूम रही बाघिन को पकड़ने के लिए शुरू हुआ ऑपरेशन टाइगर एक बार फिर से लेट होता दिख रहा है। लगाए गए 39 सेंसर कैमरों में लगातार बाघिन का मूवमेंट की जानकारी हो रही है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 03:20 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 03:20 PM (IST)
बरेली की रबर फैक्ट्री में घूम रही बाघिन को पकड़ने में बारिश डाल सकती है रोड़ा, जानें कैसे
विशेषज्ञों ने बाघिन को पकड़ने के लिए कई जगह पर जाल, खुले में पड्डा, सुअर आदि बांधे हैं।

बरेली, जेएनएन। Tigress in bareilly : फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में डेढ़ साल से घूम रही बाघिन को पकड़ने के लिए शुरू हुआ ऑपरेशन टाइगर एक बार फिर से लेट होता दिख रहा है। लगाए गए 39 सेंसर कैमरों में लगातार बाघिन का मूवमेंट की जानकारी हो रही है। विशेषज्ञों ने बाघिन को पकड़ने के लिए कई जगह पर जाल, खुले में पड्डा, सुअर आदि बांधे हैं। इधर दो दिन से हो रही बारिश को देखते हुए वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून व पीलीभीत टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ वापस लौट गए हैं। फैक्ट्री परिसर में अब केवल वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की टीम ही बची है। जो कि बाघिन के मूवमेंट आदि की जानकारी का लगातार पता लगा रहे हैं। सटीक लोकेशन की जानकारी मिलते ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों को बुलाकर बाघिन को ट्रेंक्युलाइज किया जाएगा। प्रभागीय वन अधिकारी भारत लाल ने बताया कि शुक्रवार देर रात भी बाघिन के मूवमेंट की फोटो सेंसर कैमरों में कैद हुई है। वन विभाग की टीम के साथ डब्ल्यूटीआइ के विशेषज्ञ लगे हुए हैं। जल्द ही बाघिन को सुरक्षित पकड़ने में सफलता मिलेगी।

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