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बरेली में रेलवे ने किया भूमि पूजन, लोगों को अभी झेलनी पड़ेगी मुश्किल

लालफाटक से आने जाने वालों को अभी एक महीने तक और मुश्किल भरा सफर करना होगा। बारिश की वजह से यहां पर बनाई गई सर्विस रोड़ पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:06 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 11:06 PM (IST)
बरेली में रेलवे ने किया भूमि पूजन, लोगों को अभी झेलनी पड़ेगी मुश्किल
बरेली में रेलवे ने किया भूमि पूजन, लोगों को अभी झेलनी पड़ेगी मुश्किल

बरेली, जेएनएन। लालफाटक से आने जाने वालों को अभी एक महीने तक और मुश्किल भरा सफर करना होगा। बारिश की वजह से यहां पर बनाई गई सर्विस रोड़ पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इसकी वजह से लोगों को न सिर्फ परेशानी हो रही है बल्कि हादसा होने की भी आशंका रहती है। वही रेलवे ने बुधवार को अपने हिस्से का काम करने के लिए भूमि पूजन किया। इसके बाद अब काम में तेजी आने की संभावना है।

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लालफाटक पुल पर अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है। लोगों को आने जाने के लिए यहां पर पुल के दोनों तरफ सर्विस रोड़ बनाई गई थी। हालांकि अब यहां पर बनाई गई सर्विस रोड पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। सड़क उखड़ चुकी है तो सर्विस रोड पर बड़े बड़े गड्डे हो चुके है। ऊपर से बारिश की वजह से इन गड्डों में पानी भर गया है। जिससे सड़कों के ये गड्डे कई फीट गहरे हो गए है। ऐसे में यहां से निकलने वाले वाहनों से न सिर्फ हादसा होने की आशंका रहती है बल्कि लोगों को आने जाने में भी मुश्किल होती है। खास बात यह है कि सड़क खराब होने की वजह से यहां पर लंबा जाम भी लग जाता है। वहीं यहां से रोजाना हजारों वाहन गुजरते है।

हालांकि अभी लोगों को इससे निजात मिलने की संभावना नहीं है। बारिश की वजह से अभी लोगों को करीब एक महीने तक इसी हाल में गुजरना होगा। रेलवे ने किया भूमि पूजन रेलवे को अपने हिस्से का काम करना है। इसके लिए पहले से ही काम शुरु कर दिया गया था। कऱासिंग को पहले से ही शिफ्ट किया जा चुका है। अब पुल पर गर्डर रखने के लिए पाइलिंग का भी काम शुरु कर दिया गया है। बुधवार को रेलवे के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर काम शुरु करने के लिए भूमि पूजन किया। ऐसे में अब रेलवे के हिस्से के काम में तेजी आने की संभावना है। हालांकि रेलवे को अपने हिस्से का काम करने में अभी छह से आठ महीने तक लगेंगे।

एनओसी का पेंच फंसा हालांकि अभी सेना की तरफ से एनओसी का पेंच फंसा हुआ है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से अभी तक सेतु निगम सेना की जमीन पर निर्माण करने को एनओसी नहीं मिल पाई है। इसके लिए सेतु निगम के अधिकारियों और सेना के बीच वार्ता चल रही है। 82 करोड़ 49 लाख रुपये से निर्माण पुल के निर्माण का काम साल 2017 में शुरु हुआ। पुल की लागत 82 करोड़ 49 लाख रुपये है। पुल के निर्माण का काम सेतु निगम और रेलवे को पूरा करना है। पुल में करीब 65 सौ वर्गमीटर जमीन सेना की भी आ रही है। इसकी वजह से अब तक इसमें पेंच फंसा हुआ है।


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