रेलकर्मी आवास से दूर, बढ़ा अवैध कब्जा
इज्जतनगर मंडल में दर्जनों रेलवे के आवासों को कुछ समय पहले रेलवे कर्मचारियों ने खाली कर दिया।
जागरण संवाददाता, बरेली : इज्जतनगर मंडल में दर्जनों रेलवे के आवासों को कुछ समय पहले रेलवे कर्मचारियों ने खाली कर दिया। इसका कारण सातवें वेतन आयोग में बढ़ा मकान भत्ता न मिलना और मेंटीनेंस की सुनवाई न होना था। इसके बाद से इन क्वार्टरों पर बाहरी लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। इसके पीछे कुछ रेलवे कर्मचारियों की ही मिलीभगत बताई जा रही है।
रेलवे को लाखों की चपत
रेलवे कर्मचारी को जिले में टाइप वन क्वार्टर न्यूनतम वेतन यानी करीब अट्ठारह हजार रुपये के हिसाब से 3600 रुपये का पड़ता है। इस पर पानी चार्ज व मकान के लिए नामित फीस, बिजली बिल आदि को मिला दें तो लगभग पांच हजार रुपये रेलवे को एक क्वार्टर से हर महीने मिलता है। इस तरह दर्जनों कॉलोनियों से लाखों रुपये की चपत हर साल लग रही है।
साठगांठ के खेल से छाई खामोशी
इज्जतनगर रेलवे स्टेशन कालोनी में स्टेशन के नए भवन के पास ही लोग अवैध रूप से रह रहे है। छत से कटिया डालकर बिजली चोरी की जा रही है। रेलवे सूत्र बताते हैं कि अवैध कब्जों के पीछे इंजीनिय¨रग व विद्युत विभाग के कुछ सुपरवाइजरों की मिलीभगत है।
कासगंज में बाहरी लोग कर चुके कई वारदात
कासगंज में कई रेलवे कर्मचारियों के क्वार्टर में चोरी हुई थीं। जांच में पता चला कि कॉलोनी में अवैध रहने वाले लोग व उनके घर आने-जाने वाले चोरी में शामिल थे। ऐसे में इन क्वार्टरों की जांच भी जरूरी है।
वर्जन
रेलवे कालोनियों में बाहरी लोग बड़ी संख्या में रह रहे हैं। अतिक्रमण व अवैध निर्माण कर रहने तथा बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत डीआरएम से भी शिकायत होगी।
- विवेक मिश्रा, मंडल मंत्री, एनई रेलवे मेंस काग्रेस इच्जतनगर मंडल