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Qutubkhana Overbridge : बरेली में कंधो पर अस्पताल पहुंची दर्द से कराहती गर्भवती की मौत, 'सिस्टम' ने ली जान

Qutubkhana Overbridge बरेली में रास्ता न मिलने पर कंधों पर अस्पताल पहुंची दर्द से कराहती महिला की मौत हो गई।यहां सिस्टम ने उसकी जान ले ली।गर्भवती महिला की मौत होने के बाद अधिकारी अब जिम्मेदारी की गेंद एक दूसरे के पाले में फेंक रहे है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 28 Nov 2022 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 07:58 AM (IST)
Qutubkhana Overbridge : बरेली में कंधो पर अस्पताल पहुंची दर्द से कराहती गर्भवती की मौत, 'सिस्टम' ने ली जान
Qutubkhana Overbridge : बरेली में कंधो पर अस्पताल पहुंची दर्द से कराहती गर्भवती की मौत, 'सिस्टम' ने ली जान

बरेली, जागरण संवाददाता। Qutubkhana Overbridge : बरेली में रास्ता न मिलने पर कंधों पर अस्पताल पहुंची दर्द से कराहती महिला की मौत हो गई।यहां सिस्टम ने उसकी जान ले ली।गर्भवती महिला की मौत होने के बाद अधिकारी अब जिम्मेदारी की गेंद एक दूसरे के पाले में फेंक रहे है।

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दरअसल मामला कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण में लापरवाही का हैं।जिसके चलते महिला की जान चली गई।बावजूद इसके अफसर व्यवस्था पर ध्यान देते नजर नहीं आ रहे हैं।

बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा की रहने वाली सुषमा को 17 नवंबर को करीब चार- पांच बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। तो उनकी सास हंसों ने बताया कि उन्होंने दुर्गा नगर की आशा विमलेश को फोन किया। मौके पर पहुंची विमलेश ने सुषमा के पति प्रदीप के फोन से 102 नंबर पर एंबुलेंस को फोन किया।

उन्हें बताया गया कि कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण की वजह से एंबुलेंस को वहां तक पहुंचने में करीब तीन घंटे का समय लगेगा। इसके बाद स्वजन ने पड़ोस से ही ई-रिक्शा किया और महिला जिला अस्पताल के लिए निकल गई। रिक्शा चालक उन्हें शाहदाना बड़ा बाजार होते हुए घंटा घर की ओर से जिला पंचायत रोड तक ले गया।

वहां से इंद्रा मार्केट पार करके उसे गर्भवती और उनके परिवार को उतार दिया। कहा कि आगे रास्ता बंद होने की वजह से वह आगे नहीं जा सकेगा। इसके बाद आशा विमलेश और सास हंसों ने सुषमा को कंधों पर उठाया और जिला महिला अस्पताल की ओर जाने लगी।

अस्पताल के अंदर प्रवेश के बाद सुषमा ने कहा कि अब वह आगे जाने की स्थिति में नहीं है। इसलिए वह परिसर में बने मंदिर के बाहर स्लैब पर ही लेट गई। आशा विमलेश ने बताया कि, इसी बीच वह दौड़कर अस्पताल व्हील चेयर लेने चली गई, लेकिन वहां अस्पताल स्टाफ ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। किसी तरह से वह व्हील चेयर लेकर आईं।

व्हील चेयर के सहारे गर्भवती को महिला अस्पताल पहुंचाया। बेड पर लिटाने के करीब 10 मिनट बाद डाक्टर पहुंचे तो देखा कि सुषमा ने हलचल बंद कर दी है।डाक्टरों ने जांच पड़ताल की और कहा कि सुषमा की मृत्यु हो चुकी है।

तीन घंटे में पहुंचने को कहा था एंबुलेंस ने

आशा विमलेश ने बताया कि, जब वह सुषमा के घर पहुंची तो परिवार के फोन से ही उन्होंने एंबुलेंस के 102 पर फोन किया। तो वहां से कहा गया कि कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण की वजह से एंबुलेंस को पहुंचने में तीन घंटे लगेंगे।तीन घंटे की बात सुनकर स्वजन महिला को ई-रिक्शा से ही लेकर आने लगे।जबकि एंबुलेंस कंपनी के जिम्मेदारों का कहना है कि एंबुलेंस हर मामले में समय से पहुंचती है, लेकिन इस केस में एंबुलेंस ले जाने से ही इनकार कर दिया गया।

महिला का पति भूल गया आधार कार्ड

आशा ने बताया कि, महिला के पति प्रदीप उसका आधार कार्ड भूल गए थे।जिसकी वजह से वह बीच रास्ते में उतरकर आधार कार्ड लेने चले गए।ई-रिक्शा में केवल आशा और उनकी सास हंसो ही थी।वह दोनों ही उसे कंधों के सहारे अस्पताल लेकर पहुंची थी।

ऐसा रहा घटना क्रम

शाम करीब 4:30 बजे गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई।

करीब 5:15 बजे परिजनों ने आशा को फोन किया।

करीब 5:45 बजे आशा गर्भवती महिला के घर पहुंची।

करीब 6:00 बजे एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन उन्होंने 3 घंटे का समय दिया।

करीब 6:30 बजे ई-रिक्शा मिला और अस्पताल को स्वजन रवाना हुए।

करीब 7:30 बजे ई-रिक्शा चालक ने उन्हें इंद्रा मार्केट के पास उतारा

करीब 7:45 बजे कंधों के सहारे गर्भवती को लेकर स्वजन अस्पताल के अंदर पहुंचे

करीब 8:00 बजे तक व्हील चेयर मिली

करीब 8:15 पर अस्पताल के बेड पर एडमिट हुई

करीब 8:30 बजे गर्भवती ने दम तोड़ दिया।

एंबुलेंस से पहुंचते हैं 50 से 60 मरीज

एंबुलेंस कंपनी के जिला प्रभारी समर ने बताया कि जिले में 102 और 108 एंबुलेंस मिलाकर 86 एंबुलेंस हैं।जो हर दिन सभी जगहों से करीब 50 से 60 मरीज लेकर अस्पताल पहुंचती हैं।इसमें गर्भवती महिलाओं से लेकर एंबुलेंस से आने वाले सभी मरीज शामिल हैं।

नगर निगम नहीं हटाता अतिक्रमण

मामले में एसपी ट्रैफिक राम मोहन सिंह का कहना है कि उन्होंने सुबह सात बजे से लेकर रात 10 बजे तक दो शिफ्टों में 50 ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई हुई है। जिससे किसी भी तरह की कोई समस्या न हो, लेकिन वहां पर अतिक्रमण की वजह से परेशान हो सकती है। नगर निगम की टीम वहां से अतिक्रमण नहीं हटा रही। जबकि कई बार उन्हें बोला गया है। इसके बाद भी कोई अतिक्रमण नहीं हटा है।

अस्थाई रास्ते से आ रही हैं एंबुलेंस

सीएमओ डा. बलवीर सिंह का कहना है कि एंबुलेंस के लिए अस्थाई रास्ता बनाया गया है। जहां से मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। यदि किसी एंबुलेंस चालक ने समय की बात कही है तो मामले की जांच कराई जाएगी।

एंबुलेंस चालक पर कराएंगे कार्रवाई

एंबुलेंस कंपनी के जिला प्रभारी समर श्रीवास्तव का कहना है कि, कोई भी एंबुलेंस चालक किसी भी काल पर मरीज को समय नहीं दे सकता। यदि किसी ने तीन घंटे में पहुंचने की बात कही है तो उसकी जांच कराई जा रही है। यदि उसने कहा होगा तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।


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