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गुणवत्ता नियंत्रण सेल देखेगी गुरुजी ने ऑनलाइन कैसा पढ़ाया

अब रुहेलखंड विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण कार्य में खानापूर्ति नहीं चलेगी। शिक्षक ऑनलाइन मोड पर कैसा पढ़ाते हैं इसकी मॉनीटरिंग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र की स्थापना की जाएगी। शिक्षकों को कैसे पढ़ाना है इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 05:21 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 05:35 PM (IST)
गुणवत्ता नियंत्रण सेल देखेगी गुरुजी ने ऑनलाइन कैसा पढ़ाया
शिक्षकों को कैसे पढ़ाना है, इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

 बरेली, जेएनएन। अब रुहेलखंड विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण कार्य में खानापूर्ति नहीं चलेगी। शिक्षक ऑनलाइन मोड पर कैसा पढ़ाते हैं, इसकी मॉनीटरिंग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र की स्थापना की जाएगी। शिक्षकों को कैसे पढ़ाना है, इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग का आदेश मिलने के बाद क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश ने भी रुहेलखंड विश्वविद्यालय को निर्देश जारी किए हैं।कोविड-19 की वजह से पढ़ाई का तरीका बदल चुका है। शासन भी ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा दे रहा है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय से लेकर अन्य महाविद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण कार्य शुरू तो कराया गया, लेकिन अभी कुछ कमियां हैं। कई शिक्षक इसमें सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। कुछ बहुत अच्छे वीडियो, ई-कंटेंट भी अपलोड कर रहे हैं। इसलिए शासन ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिए हैं कि ऑनलाइन शिक्षण की निगरानी के लिए गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र की स्थापना की जाए। जिससे शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण के साथ उनके कार्यों की निगरानी भी की जा सके। इसके अलावा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को अपने परिसर या बाहर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से ई-सुविधा केंद्र भी विकसित करने के लिए कहा है।

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 छात्रों का तैयार होगा एकेडमिक बैंक डेटा

ऑनलाइन सिस्टम के तहत प्रदेश स्तरीय अकेडमिक डेटा बैंक भी बनाया जाएगा। जिसमें सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों का यूनिक आइडी के साथ ब्यौरा दर्ज होगा। इस व्यवस्था के तहत क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा दी जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसका प्राविधान किया गया है।क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश का कहना है कि ऑनलाइन शिक्षण को और बेहतर करने के लिए विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र स्थापित करने के लिए कहा गया है। शिक्षकों को ट्रेनिंग के साथ उनके कार्यों की मॉनीटरिंग भी आसान हो जाएगी।


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