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प्रोफेसर साहब, पांच घंटे तो बिताइए कैंपस में, नहीं तो हो जाएगी जांच Bareilly News

उपस्थिति को लेकर यूजीसी के स्पष्ट निर्देश हैं। हर शिक्षक की जिम्मेदारी-जवाबदेही है कि वह तय समय कैंपस में रुकें। कक्षा में पढ़ाई। इसके लिए जल्द कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 07:52 AM (IST)
प्रोफेसर साहब, पांच घंटे तो बिताइए कैंपस में, नहीं तो हो जाएगी जांच Bareilly News
प्रोफेसर साहब, पांच घंटे तो बिताइए कैंपस में, नहीं तो हो जाएगी जांच Bareilly News

बरेली, जेएनएन : राजकीय, एडेड कॉलेजों में एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसरों की पांच घंटे तक कैंपस में उपस्थिति सुनिश्चित कराना चुनौती बना है। बरेली कॉलेज प्रबंधन के प्रयास पर प्रशासन ने पांच विभागाध्यक्ष चिन्हित किए, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से निर्धारित पांच घंटे कैंपस में नहीं बिताते। इन्हें नोटिस जारी किया।

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शिक्षकों की उपस्थिति की यह स्थिति केवल बरेली कॉलेज तक ही सीमित नहीं है। बरेली-मुरादाबाद मंडल के अधिकांश राजकीय-एडेड कॉलेज में ऐसे हालात हैं। यही कारण हैं कि इन कॉलेजों में पढ़ाई-लिखाई बेपटरी है। बरेली कॉलेज की घटना पर उच्च शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है।

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश के मुताबिक उपस्थिति को लेकर यूजीसी के स्पष्ट निर्देश हैं। हर शिक्षक की जिम्मेदारी-जवाबदेही है कि वह तय समय कैंपस में रुकें। कक्षा में पढ़ाई। इसके लिए जल्द कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। ऐसे शिक्षक चिह्नित किए जाएंगे, जो तय समय कैंपस में नहीं रुकते हैं। डॉ. राजेश प्रकाश के मुताबिक शासन भी इस मसले पर गंभीर है। शिक्षक, पढ़ाई का अच्छा वातावरण बनाएं।

विद्यार्थियों के न आने की कहानी

रुविवि में प्रोफेसर एके जेटली के मुताबिक शिक्षक अक्सर तर्क देते हैं कि विद्यार्थी पढऩे नहीं आते। यह सही है। मगर विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराना भी तो शिक्षक की जिम्मेदारी है। विद्यार्थी नहीं आते तो उनके प्रति सख्ती दिखाई जाए। विद्यार्थियों के घर नोटिस भेजें। कार्रवाई करें। ऐसा नहीं करेंगे, तो पढ़ाई का अच्छा माहौल नहीं बन पाएगा।


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