लालफाटक पर जल्द दूर नहीं होंगी दुश्वारियां Bareilly News
पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इसका एस्टीमेट तैयार करेंगे जिसे पुल के रिवाइज एस्टीमेट के तौर पर मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा।
बरेली, जेएनएन : लालफाटक क्रॉसिंग पर लोगों की दुश्वारियां फिलहाल कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं। लोगों के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था किया जाना आसान नहीं है। फिलहाल सेतु निगम एलाइनमेंट के साथ डिजाइन पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इसका एस्टीमेट तैयार करेंगे, जिसे पुल के रिवाइज एस्टीमेट के तौर पर मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। शासन से रकम जारी होने पर ही सर्विस रोड का निर्माण शुरू हो पाएगा। यानी क्रॉसिंग पर लंबे समय तक परेशानी बनी रहेगी।
रेलवे ने बीते दिनों लालफाटक क्रासिंग पर पुल निर्माण के लिए करीब एक साल मार्ग बंद करने की बात कही थी। इस पर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था का हाल बिगड़ने को लेकर अधिकारी चिंतित हो गए। तब सभी अधिकारियों ने वार्ता तक लालफाटक क्रासिंग के दोनों गेट तीस मीटर दो शिफ्ट करने की सहमति जताई। सेतु निगम के इंजीनियरों ने सर्वे किया तो कैंट की ओर से जाने वाले मार्ग पर क्रासिंग से बाई ओर तीस मीटर तक और दूसरी ओर से आने वाले मार्ग के बाई ओर करीब 25 मीटर सरकारी भूमि मिली। इस पर करीब साढ़े सात मीटर चौड़ी अस्थायी सड़क बनाई जानी है। इसके लिए सेतु निगम ने ड्राइंग पीडब्ल्यूडी को दे दी है।
बैठक कर पुल का बनेगा रिवाइज एस्टीमेट
पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों का कहना है कि सेतु निगम वालों के साथ बैठक कर सर्विस रोड का रिवाइज एस्टीमेट तैयार किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी एस्टीमेट फाइनल कर मुख्यालय के माध्यम से शासन को मंजूरी के लिए भेजेगा। शासन से स्वीकृति और बजट आवंटन होने के बाद ही मौके पर सर्विस रोड बनाई जाएगी।
करना पड़ सकता है महीनों इंतजार
रकम नहीं होने के कारण सेतु निगम के इंजीनियर काम नहीं करना चाह रहे हैं। वही पीडब्ल्यूडी सेतु निगम के प्रोजेक्ट पर अपना अलग एस्टीमेट मंजूरी को भेजने से बच रहे हैं। इस कारण एस्टीमेट शासन तक पहुंचने में भी समय लगेगा। लालफाटक ओवरब्रिज का रिवाइज एस्टीमेट शासन में मंजूर होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
सेतु निगम ने एस्टीमेट बनाने के लिए ड्राइंग दी है। उस पर इंजीनियरों को लगा दिया है। सेतु निगम के सहयोग से पुल का ही रिवाइज एस्टीमेट बनाया जाएगा। रिवाइज एस्टीमेट पीडब्ल्यूडी के माध्यम से शासन को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। - बीएम शर्मा, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी