प्रबंधन नहीं, अब प्राचार्य होंगे कैंपस के बॉस
प्रिंसिपल साहब, फ्रंट पर आइए। कॉलेज के असल बॉस आप हैं, न कि प्रबंध समिति।
जागरण संवाददाता, बरेली : प्रिंसिपल साहब, फ्रंट पर आइए। कॉलेज के असल बॉस आप हैं, न कि प्रबंध समिति। मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने 15 अक्टूबर को प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा को अपनी असल भूमिका में आने के लिए यही शब्द कहे थे। तब मंडलायुक्त पहली बार कॉलेज पहुंचे थे। मौका था प्रतिभा सम्मान समारोह का। ऐसा उन्होंने अचानक नहीं बोला। बल्कि वह कॉलेज में भ्रष्टाचार, झगड़ा, शिक्षकों की खींचतान और प्रबंधन के दखल के हर पहलू से वाकिफ हो चुके थे। इस वाकिये के करीब तीन माह बाद मंडलायुक्त ने प्राचार्य को फ्रंट पर लाने की कवायद तेज कर दी। जिस पर 30 जनवरी को प्रस्तावित बोर्ड ऑफ कंट्रोल की बैठक में मुहर लगने का इंतजार है।
कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने स्पष्ट किया है कि कॉलेज में प्रबंधन का दखल न के बराबर होगा। प्राचार्य-प्रोफेसरों की ताकत बढ़ेगी। हर छोटे से छोटे खर्च के लिए उन्हें प्रबंधन का मुंह ताकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए हर स्तर पर कॉलेज में समितियां बनेंगी। जिसमें प्रोफेसरों के साथ विश्वविद्यालय या फिर एक प्रशासनिक अधिकारी बतौर मार्गदर्शक शामिल होगा। कार्यवाहक प्राचार्य होंगे, वह भी पहले से ताकतवर होंगे।
कॉलेज में लौटेगी पढ़ाई की बहार
प्राचार्य-प्रोफेसर मजबूत होंगे तो कॉलेज में पढ़ाई की बहार आएगी। पढ़ाई की गुणवत्ता में कोई कसर न रहे। इसके लिए प्राचार्य की जवाबदेही भी तय होगी। यह तभी संभव होगा जब प्रबंधन का हस्तक्षेप कम हो जाएगा।
प्रशासन के फैसले से खुश शिक्षक
कॉलेज में सुधार को लेकर प्रशासनिक स्तर से चल रही कवायद पर शिक्षकों का एक धड़ा खुश है। जबकि प्रबंधन के पक्ष में रहने वाले कुछ शिक्षकों की चिंता भी बढ़ गई है। क्योंकि कॉलेज में सुधार सफल हुआ तो पढ़ाई से जी चुराने की उनकी मनमानी खत्म हो जाएगी।