ईवीएम बनाने वाले बरेली के मूल निवासी प्रोफेसर मूना को सम्मानित करेंगे राष्ट्रपति, आइआइटी भिलाई के हैं निदेशक
बरेली के एक कारोबारी परिवार से ताल्लुकात रखते हैं और उनसे छोटे तीन भाई सुनीत मूना विनीत मूना और रोहित मूना बरेली में ही रहकर कारोबार करते हैं। 25 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वोत्तम चुनावी प्रथाओं पर एक और राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा।
बरेली, जेएनएन। देश में डिजिटल क्रांति में बड़ा योगदान देने वाले आइआइटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर रजत मूना को राष्ट्रपति अवार्ड मिलने की सूचना मिलने के बाद से उनके घर में खुशियों का माहौल है। घरवालों ने आसपास मिठाई बांटकर हर्ष व्यक्त किया है। इससे पहले राष्ट्रपति रहे प्रणव मुखर्जी ने भी उनको अवार्ड दिया था। वह सेंटर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस कम्प्यूटिंग इंडिया के महानिदेशक भी रह चुके हैं। वह बरेली के एक कारोबारी परिवार से ताल्लुकात रखते हैं और उनसे छोटे तीन भाई सुनीत मूना, विनीत मूना और रोहित मूना बरेली में ही रहकर कारोबार करते हैं।
ईवीएम तैयार करने वाली टीम के सदस्य डा. मूना ने प्रारंभिक शिक्षा बरेली से लेने के बाद आइआइटी कानपुर से बीटेक की डिग्री ली थी। गेट परीक्षा में 99.98 प्रतिशत अंक पाकर रिकार्ड बनाने वाले प्रोफेसर रजत मूना ने ही आपातकालीन नंबर 112 को बनाया था। यही नहीं, उन्होंने सुपर कंप्यूटर पर भी रिसर्च किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल भारत के सपने को धरातल पर साकार करने वाले प्रोफेसर मूना मूल रूप से बरेली के राजेंद्र नगर निवासी हैं। वर्ष 2020 में उनकी मां की मृत्यु हो गई थी, अंतिम बार तब वह बरेली में आए थे। वह एक कारोबारी परिवार से ताल्लुकात रखते हैं और उनसे छोटे तीन भाई सुनीत मूना, विनीत मूना और रोहित मूना बरेली में ही रहकर कारोबार करते हैं। सुनीत मूना ने बताया कि उनके बड़े भाई प्रोफेसर रजत मूना को 25 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा सर्वोत्तम चुनावी प्रथाओं पर एक और राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा।