क्रिकेट योद्धाओं की राह में पिच की मिंट्टी रावण बन अटका रही रोड़े
स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रिकेट का अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों के लिए पिच की।
जेएनएन, बरेली : स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्रिकेट का अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों के लिए पिच की मिंट्टी रावण बन उनकी तरक्की की राह में रोड़े अटका रही है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण लगभग 12 साल से पिच का स्वरुप नहीं बदला गया है। इसके चलते रेतीली मिंट्टी ऊपर आ गई है। जिस कारण पांच से दस ओवरों में यह चटकने लगती है। वहीं, पिच की खराबी के कारण जनपद को बोर्ड मैचों की मेजबानी भी नहीं मिल पा रही है।
स्पोर्ट्स स्टेडियम में तकरीबन 200 खिलाड़ी क्रिकेट का प्रशिक्षण लेने आते हैं। इनके प्रशिक्षण के लिए यहां एक मुख्य पिच के अलावा दो नेट प्रैक्टिस के लिए पिच है। मगर, यह खिलाड़ियों के लिए मुफीद नहीं हैं। दरअसल, क्रिकेट पिच (टर विकेट) के लिए काली मिंट्टी की आवश्यकता होती है, जिससे की पिच जल्द टूटे नहीं और ठोस बनी रही। इसके लिए पिच पर नियमानुसार हर साल एक से दो इंच की काली चिकट मिंट्टी की परत डाली जानी चाहिए। साथ ही हर पांच साल में एक बार पिच को उखाड़कर उसे नए सिरे से बनाया जाना चाहिए।
वर्जन
- पिछले दिनों बारिश से पहले स्टेडियम की टर विकेट को नये स्वरूप में बनाने के लिए हरियाणा से मिंट्टी मंगाने का प्रस्ताव बनाया था। मगर, वह इस साल पूरा नहीं हो सका है। जल्द ही इस पर फिर से विचार किया जाएगा।
सुनील कुमार, क्रिकेट कोच
तथ्य:
-जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण स्टेडियम के टर विकेट की हो चुकी है हालत खराब
-हरियाणा से काली चिकट मिंट्टी मंगाने के प्रस्ताव भी गया ठंडे बस्ते में