अंतिम संस्कार के बाद श्मशान भूमि पर ही फेंक गए पीपीई किट
अनलॉक-01 के बाद बढ़ी संख्या जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ बागीश वैश्य बताते हैं कि अनलॉक वन की शुरुआत के बाद से जिले में संक्रमितों के केस भी बढ़े हैं। प्रवासी ही नहीं शहर के लोगों में भी बड़ी संख्या में संक्रमण मिला है। ऐसे में जरूरी है कि घर से बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर साथ ले लें। बाहर आते ही मास्क लगा लें और जहां भी जाएं हर किसी से दूरी बनाकर ही रखें। बताया कि कोरोना से इससे बेहतर और कोई बचाव नहीं हो सकता। मेडिकल मोबाइल टीम हर रोज करती रैंडम सैंपलिग मेडिकल मोबाइल टीम जिले के अलग अलग स्थानों से हर रोज दो सौ सेंपल के करीब लेती है। इनमे से संक्रमित के सम्पर्क में आए लोगों को छोड़ दें तो बाकी सभी सैम्पल रैंडम ही लिए जाते हैं। अब तक करीब दो हजार से अधिक सैम्पल मेडिकल मोबाइल यूनिट की टीम द्वारा लिए जाते हैं। यह आंकड़ा भी रैंडम सैंपल में मिले 101 पॉजिटिव के हिसाब से पांच फीसद होता है।
बरेली, जेएनएन : संक्रमितों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही जारी है। नया मामला बड़ा बाजार निवासी संक्रमित वृद्धा की मौत से जुड़ा है। उनका अंतिम संस्कार सिटी श्मशान भूमि पर कराया गया। वृद्धा के स्वजनों के भी पॉजिटिव होने के चलते अन्य नजदीकी परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया। प्रशासनिक अधिकारी और चिकित्सकों की टीम तो पहुंची लेकिन अंतिम संस्कार के वक्त पहनी हुई पीपीई किट, ग्लव्स, फेस शील्ड, शूज कवर, मास्क आदि श्मशान भूमि पर ही फेंक दिए गए। जबकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की गाइडलाइन के अनुसार उन्हें डिस्पोज किया जाना चाहिए था। अब श्मशान में शव लेकर पहुंचने वाले लोग व्यवस्था को कोस रहे हैं। सीएमओ बोले, अब रखेंगे ध्यान
विभाग की इस बड़ी लापरवाही पर सीएमओ डॉ. विनीत कुमार शुक्ला से सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि जो हो गया सो हो गया, लेकिन आगे से इसका ध्यान रखेंगे।
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निस्तारण का तरीका
- पीपीई किट, ग्लब्स, फेश सील्ड, मास्क आदि को इस्तेमाल करने के बाद एक फीसद हाइपोक्लोराइट के घोल में डुबाया जाए।
- इसे बैग में पैक किया जाए।
- कोविड-19 मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत इस कूड़े के लिए अलग से एक गाड़ी का बंदोबस्त किया जाए।
- मृतक के संपर्क व उसके आसपास के लोगों को पीपीई व अन्य मेडिकल वेस्ट अंतिम संस्कार की जगह पर ही बैग में पैक करा देना चाहिए या वहीं जला या दबा देना चाहिए।
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अनलॉक-01 के बाद बढ़ रहे कोरोना संक्रमित
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ बागीश वैश्य बताते हैं कि अनलॉक वन की शुरुआत के बाद से जिले में संक्रमितों के केस भी बढ़े हैं। प्रवासी ही नहीं शहर के लोगों में भी बड़ी संख्या में संक्रमण मिला है। ऐसे में जरूरी है कि घर से बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर साथ ले लें। बाहर आते ही मास्क लगा लें और जहां भी जाएं हर किसी से दूरी बनाकर ही रखें। बताया कि कोरोना से इससे बेहतर और कोई बचाव नहीं हो सकता।
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मेडिकल मोबाइल टीम हर रोज करती रैंडम सैंपलिग
मेडिकल मोबाइल टीम जिले के अलग अलग स्थानों से हर रोज दो सौ सेंपल के करीब लेती है। इनमे से संक्रमित के सम्पर्क में आए लोगों को छोड़ दें तो बाकी सभी सैम्पल रैंडम ही लिए जाते हैं। अब तक करीब दो हजार से अधिक सैम्पल मेडिकल मोबाइल यूनिट की टीम द्वारा लिए जाते हैं। यह आंकड़ा भी रैंडम सैंपल में मिले 101 पॉजिटिव के हिसाब से पांच फीसद होता है।