हाथ आया हथियार, अब पॉलीथिन पर कानून का वार
प्रतिबंध लागू करने के लिए पहले दिन मैदान में उतरे अफसरों के हाथ में शाम को अध्यादेश का हथियार आ गया।
जागरण संवाददाता, बरेली : बिना किसी कानूनी प्रावधान के ही पॉलीथिन पर प्रतिबंध लागू करने के लिए पहले दिन मैदान में उतरे अफसरों के हाथ में शाम को अध्यादेश का हथियार आ गया। डीएम, नगर निगम, निकाय सहित 12 विभागों को सरकार ने कार्रवाई की जिम्मेदारी और अधिकार दिए हैं। 100 ग्राम से कम पॉलीथिन मिलने पर भी 1000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। केवल दुकानों पर कार्रवाई नहीं होगी। 15 अगस्त के बाद सड़क, सार्वजनिक स्थान, पर्यटन व धार्मिक स्थल, नदी, झील, वन क्षेत्र में पॉलीथिन या डिस्पोजल फेंकते भी पकड़े गए तो 25 हजार रुपये मौके पर ही जुर्माना देना होगा। डीएम आवास से रात में ही एडीएम सिटी व एडीएम प्रशासन व सभी एसडीएम को फैक्स व ई-मेल के जरिए अध्यादेश की अधिकृत प्रति भेजी गई। स्कूल, कॉलेज, होटल रेस्टोरेंट सब नपेंगे
नए कानून में केवल दुकानदार, व्यापारी या निर्माता ही नहीं बल्कि शिक्षण संस्थान, होटल, रेस्टोरेंट, मार्केट, मिटाई की दुकानों आदि पर जुर्माना का डंडा चलेगा। पॉलीथिन, डिस्पोजल या प्लास्टिक कचरा सड़क किनारे, किसी नदी, तालाब, पोखर, जंगल क्षेत्र, पार्को के किनारे फेंकते मिले तो 25 हजार रुपये जुर्माना देना पड़ेगा। वहीं इन स्थानों पर किसी व्यक्ति के पकड़े जाने पर उसे 100 रुपये का जुर्माना अदा करना होगा।
यह होंगे जुर्माना के प्रावधान
100 ग्राम पॉलीथिन तक : 1000 रुपये
101 से 500 ग्राम मिलने पर : 2000 रुपये
501 से एक किलो पकड़े जाने पर : 5000 रुपये
एक किलो से 5 किलो तक पॉलीथिन पर : 10 हजार रुपये
5 किलो से अधिक : 25 हजार रुपये इन्हें कार्रवाई की जिम्मेदारी
-डीएम से लेकर नायब तहसीलदार तक, नगर आयुक्त से सफाई निरीक्षक तक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, सीएमओ, मेडिकल ऑफीसर, सभी जीएसटी अधिकारी, डीएफओ, रेंजर, तहसीलदार, डीएसओ, खाद्य निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, सभी औद्योगिक और विकास से संबंधित विभाग के अवर अभियंता और उससे उच्च अधिकारी आदि। दुकानदार बोले, घाट सह लेंगे पॉलीथिन नहीं
बरेली : पॉलीथिन पर प्रतिबंध लागू होने और छापामार कार्रवाई होते ही ठेले से लेकर पक्की दुकान वालों ने पॉलीथिन से तौबा कर ली। कुतुबखाना, साहूकारा, श्यामगंज बाजार, चौपुला की मंडी तक में फल, सब्जी वालों के ठेले से पॉलीथिन गायब थी। जो थैला लाया, वाहन में फल, सब्जी ले जाने का इंतजाम करके पहुंचा तो उसे सामान दिया। सामान तौलने के बाद पॉलीथिन मांगने वालों से हाथ जोड़कर कर दिया। घाटा सह लेंगे, लेकिन अब पॉलीथिन नहीं रखेंगे।