पोलिंग पार्टियों ने बूथों पर संभाली कमान
लोकतंत्र का महापर्व मंगलवार को है। उससे पहले सोमवार को नरियावल मंडी से पोलिंग पार्टियां रवाना हो गई।
जेएनएन, बरेली : लोकतंत्र का महापर्व मंगलवार को है। उससे पहले सोमवार को नरियावल मंडी से पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया। उसके लिए नाम पुकारे जाते रहे। जवाब नहीं देने पर धमकियां दी गईं और आखिरकार शाम तक सभी पार्टियां बूथों के निकल गईं। रात तक उनके पहुंचने की रिपोर्ट आती रही। अधिकांश स्थानों पर पोलिंग पार्टियों ने बूथ पर कमान संभाल ली और वहां की व्यवस्था को भी भली भांति समझ लिया।
नरियावल मंडी स्थल में सुबह से ही मतदान कर्मियों का हुजूम उमड़ आया। उपस्थिति दर्ज कराने के लिए लंबी लाइन में लगी दिखाई दी। एक महिला मतदानकर्मी से लाइन के बारे में पूछने पर उनका आक्रोश जुबान पर आ गया। कहने लगीं बेरिकेडिंग बनी है और न ही पर्याप्त काउंटर हैं। धूप में घंटों से खडे़ हैं। ऊपर से जहां पर खड़े हैं, वहां से फिसल जाएं तो बस हो जाए काम। कुछ लोग इस बात से खुश भी दिखाई दे रहें है कि उन्हें लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदारी करने का मौका मिल रहा है। इनमें युवा ज्यादा हैं। जिनका कहना है कि इतना बड़ा पर्व है तो कुछ तो परेशानी उठानी ही पड़ेगी। उनसे बात करके आगे बढ़ने पर ट्रक के नीचे कुछ लोग ईवीएम मशीन चेक करते हुए दिखाई देते हैं। बात करने पर पता चला की छाया की कोई व्यवस्था नही है। इसलिए ट्रक के नीचे ही बैठ गए। पचास कदम चलने पर ड्यूटी में लगे कर्मियों से व्यवस्था के बारे में पूछा तो एक पुरुष मतदान कर्मी कहने लगे कि इस बार वीवीपैट तो लग रहा है लेकिन अतिरिक्त कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में इस बार मतदान में ज्यादा समय लगेगा। वहीं ईवीएम लेकर जा रहे साकेत अग्रवाल इस बात से खफा दिखाई देते हैं कि ड्यूटी पास में टीम के दूसरे सदस्य का गलत नंबर लिखा है। जिसकी वजह से वह अपनी टीम के दूसरे सदस्यों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। वही नेटवर्क न आने की वजह से ज्यादातर लोग परेशान हैं। इसी शोरशराबे के बीच पोलिंग पार्टियां मंडी से निकलकर वाहनों में बैठकर अपने गंतव्य की तरफ रवाना होती रहीं।