कुतुबखाना फ्लाईओवर पर मचा सियासी घमासान, बरेली महापौर की फेसबुक पोस्ट ने चौंकाया
Qutubkhana Flyover कुतुबखाना फ्लाईओवर को लेकर चल रही खींचतान अब नगर निगम से निकलकर दो कद्दावर नेताओं के बीच पहुंच गई। शनिवार को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का नरम रुख देखकर अगले ही दिन कैंट विधायक राजेश अग्रवाल फ्लाईओवर के विरोध में खुलकर आ गए।
बरेली, जेएनएन। Qutubkhana Flyover : कुतुबखाना फ्लाईओवर को लेकर चल रही खींचतान अब नगर निगम से निकलकर दो कद्दावर नेताओं के बीच पहुंच गई। शनिवार को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का नरम रुख देखकर अगले ही दिन कैंट विधायक राजेश अग्रवाल फ्लाईओवर के विरोध में खुलकर आ गए। मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आग्रह किया कि इसका निर्माण नहीं होना चाहिए। भाजपा में अर्से बाद इस तरह की खींचतान ने सियासी गलियारों में चर्चा छेड़ दी।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत कुतुबखाना फ्लाईओवर बनाने के लिए 136 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सेतु निगम ने 1577 मीटर लंबे पुल का डिजाइन तैयार कर लिया है। टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। इससे इतर इन्वर्टिस जमीन मामले की जांच से नाराज महापौर उमेश गौतम फ्लाईओवर के विरोध में आ गए थे। कहा था कि अधिकारी मनमानी कर रहे। कुतुबखाना के व्यापारी भी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार को कुतुबखाना बंदी के बाद व्यापारियों ने केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को ज्ञापन भी दिया था। मामला सुलझाने के लिए मंत्री ने शाम को ही सर्किट हाउस में महापौर व नगर निगम, सेतु निगम के अधिकारियों को सर्किट हाउस में बुलाकर बैठक की थी।
महापौर की फेसबुक पोस्ट ने चौंकाया
शनिवार को हुई बैठक में मंत्री संतोष गंगवार ने फ्लाईओवर निर्माण को लेकर नरम रुख दिखाया था। जिसके बाद पुल की डिजाइन बदलने समेत कई विकल्प दिए गए। मंत्री ने व्यापारियों को भी समझाया था कि पूरी बात समझनी चाहिए, इस तरह विरोध ठीक नहीं। उनके अहित का कोई काम नहीं होगा। फ्लाईओवर नहीं बने, उन्होंने ऐसा भी नहीं कहा।
बल्कि इसे बनाने के लिए नये विकल्प पर चर्चा भी की थी। इस बीच महापौर उमेश गौतम की फेसबुक पोस्ट ने लोगों को चौंकाया। जिस पर उन्होंने लिखा कि बिना व्यापारियों के सहयोग के पुल नहीं बनेगा। सेतु निगम के अधिकारियों को अंडरपास बनाने के विकल्प पर भी काम करने को कहा गया है। मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद उनकी यह पोस्ट चर्चा की वजह बनी हुई है।
कुतुबखाना फ्लाईओवर निर्माण को लेकर व्यापारियों को दिक्कत है। हम यह बात पहले भी कह चुके हैं कि व्यापारियों के सहयोग के बिना किसी भी हाल में पुल नहीं बनाने दिया जाएगा। व्यापारियों की मांग पर वहां पुल की जगह दूसरा विकल्प देखा जा रहा है। मामले को लेकर 15 दिन बाद अधिकारियों व व्यापारियों के साथ दोबारा बैठक होगी। -डॉ. उमेश गौतम, महापौर