बरेली जोन में नेताओं के इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर पुलिस का पहरा
चुनाव आयोग द्वारा रैली और रोड शो पर पाबंदी के बाद चुनावी रंग जमाने के लिए राजनीतिक दल इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे हैं। हालांकि इसमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसे चुनाव के दौरान नेताजी की जुबान फिसलते ही पुलिस केस दर्ज कर लेती है वैसे ही इंटरनेट मीडिया पर कोई भड़काऊ या आपत्तिजनक पोस्ट डाली तो फंस जाएंगे।
अंकित शुक्ला, बरेली: चुनाव आयोग द्वारा रैली और रोड शो पर पाबंदी के बाद चुनावी रंग जमाने के लिए राजनीतिक दल इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे हैं। हालांकि इसमें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। जैसे चुनाव के दौरान नेताजी की जुबान फिसलते ही, पुलिस केस दर्ज कर लेती है, वैसे ही इंटरनेट मीडिया पर कोई भड़काऊ या आपत्तिजनक पोस्ट डाली तो फंस जाएंगे।
चुनावी मौसम में नेताओं के इंटरनेट मीडिया अकाउंट की निगरानी के लिए पुलिस विभाग में बाकायदा इंटरनेट मीडिया सेल बनाई गई है। साथ ही सर्विलांस सेल टीम को भी इस कार्य में लगा दिया गया है। इसके अलावा हर जिले के कप्तान को उनके साइबर एक्सपर्ट को भी इसी कार्य में लगाने के निर्देश दिए हैं। हर जिले में बनाई जाने वाली इंटरनेट मीडिया सेल में 10-10 साइबर एक्सपर्ट तैनात किए जाने हैं, जो कि नेताजी के इंटरनेट मीडिया अकाउंट में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। एडीजी ने जोन के सभी कप्तान को हर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के अकाउंट चिह्नित कर उसकी नियमित मानिटरिग करने के निर्देश दिए हैं।
प्रत्याशी व उनके समर्थकों को दी हिदायत
एडीजी ने जागरण से बातचीत में स्पष्ट किया कि कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक ऐसी पोस्ट न करें जिससे किसी धर्म, जाति, वर्ग और राजनीतिक दलों की भावनाएं आहत हों। साथ ही किसी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन से जुड़े पहलुओं की आलोचना वाली पोस्ट न डालने, प्रलोभन, भ्रामक वादों या किसी के अनैतिक आचरण वाली पोस्ट न करने की हिदायत दी है।
वायरल हो रहे संदेशों पर भी रखी जा रही नजर
एडीजी कार्यालय में बनी इंटरनेट मीडिया सेल व सर्विलांस टीम इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे संदेशों पर भी नजर रख रही है। किसी भी प्रकार का गलत या भड़काऊ संदेश वायरल करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
वर्जन
इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी दल के उम्मीदवार या फिर उसके समर्थक द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई संदेश जातीय विद्वेष पैदा करने वाला या फिर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला मिला तो संगीन धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा।
- राजकुमार, एडीजी, बरेली जोन