किसान सम्मान निधि घोटाले की तह तक पहुंची पुलिस, तिलहर तहसील में बढ़ी हलचल
करोड़ों के प्रधानमंत्री किसान निधि घोटाला के सरगना तक पुलिस के हाथ पहुंच चुके है। दर्जन भर गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद फर्जीवाड़ा की जड़ को खोज लिया गया है।
शाहजहांपुर, जेएनएन। करोड़ों के प्रधानमंत्री किसान निधि घोटाला के सरगना तक पुलिस के हाथ पहुंच चुके है। दर्जन भर गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद फर्जीवाड़ा की जड़ को खोज लिया गया है। पुलिस प्रशासन जल्द की खुलासा कर सकता है। हालांकि माफिया ऊंची पहुंच के बल पर बचने के प्रयास में है, लेकिन जिला प्रशासन कड़ी कार्रवाई का मन बना चुका है। तिलहर तहसील के सरगना ने कृषि तथा राजस्व विभाग की साठगाठ से जनसेवा केंद्रों के माध्यम से करोड़ों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भूमिहीनों को दिला दी। प्राथमिक स्कूल में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के खातों में भी किसानों की सम्मान निधि पहुंच गई। इसका खुलासा होने के बाद अब खलबली मची हुई है। जिन भूमिहीनीं के नाम पैसा भेजा गया उनसे माफिया ने आधार माइक्रो एटीम पर अंगूठा की छाप लेकर जबरन पैसे भी निकलवा लिए। अब इन भूमिहीनों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
जैतीपुर, कटरा, खुदागंज मुख्य केंद्र गुरुवार को बैंक ऑफ बड़ौदा जैतीपुर शाखा में फर्जी सम्मान निधि पाने वाले दस भूमिहीन खाता बंद कराने पहुंचे। इनमें बच्चे भी शामिल थे। सभी ने जैतीपुर में सूरजूपुर के नाम से संचालित जनसेवा केंद्र पर खाते खुलवाए थे। दस साल के बच्चों से लेकर 25 साल के भूमिहीन युवाओं के खातों में फोटो भी किसी और का लगा था। जबकि खाते से लेन-देन किया जा रहा है। शाखा प्रबंधक ने खाता बंद करने से मना कराने के साथ ही स्थिति से मुख्यालय को अवगत करा दिया।
प्रधान संगठन ने सीबीआइ जांच के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र नाबालिक समेत भूमिहीनों को करोड़ों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिलाए जाने की सीबीआइ जांच की मांग उठने लगी है। अखिल भारतीय प्रधान संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विपिन मिश्रा ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में कहा कि किसान सम्मान निधि में कृषि विभाग, बैंक व राजस्व विभाग की मिलीभगत से लगभग करीब एक लाख भूमिहीनों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिए जाने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि जिनके नाम एक इंच भी जमीन नहीं, उन्हें पैसा मिल गया और तमाम पात्र वंचित रह गए। कई मामलों में फोटो, पता भी बदल दिया गया। पत्र में फर्जीवाड़ा में शामिल जन सेवा केंद्र संचालकों के नाम का भी खुलासा किया गया है।
इनका जनसेवा केंद्र संचालकों की बताई संदिग्ध भूमिका विपिन यादव, गुरुवेंद्र प्रताप सिंह, आले नबी, राम सुआ यादव, अनिल, बीसी मिथिलेश, सुखबीर आदि
जैतीपुर शाखा में इन भूमिहीनेां के पकड़े फर्जी खाते मनजीत पुत्र नेत्रपाल, सुरजीत पुत्र नेत्रपाल, सत्यम त्रिपाठी पुत्र पुष्पेंद्र त्रिपाठी, प्रिया त्रिपाठी पुत्री पुष्पेंद्र त्रिपाठी, रमेश पुत्र रामनिवास, आकाश पुत्र हरवीर, आत्माराम पुत्र राजेंद्र, अजीत सिंह सुरेंद्र पाल
धमका रहे सरगना के गुर्गे भुमिहीनों को पीएम किसान निधि का लाभ दिलाकर उनसे वसूली के बाद अब कार्रवाई से बचने के लिए माफिया के गुर्गे के धमका रहे है। लाभ पाने वाले भूमिहीनों का कहना है कि उन्हें कोरोना का पैसा बताकर लाभ दिया गया। दो हजार की पहली किस्त जनसेवा केंद्र संचालक को घर लाकर अंगूठा लगवाकर निकलवा ली गई। अब गवाही न जुबान न खोलने के लिए धमका रहे हैं।
बैंक खाते जनसेवा केंद्र के माध्यम से खोले गए। बैंक की इसके कोई भूमिका नहीं है। कुछ भूमिहीन व बच्चों के अभिभावक खाता बंद कराने आए थे। अद्यतन स्थिति से मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है। देवेंद्र उपरेती, शाखा प्रबंधक बैंक आफ बड़ौदा जैतीपुर
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की जांच अंतिम चरण में है। कई लोग पकड़े गए हैं। जिनसे काफी राज पता चल चुका है। जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। इंद्र विक्रम सिंह, जिलाधिकारी