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Rohilkhand : पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया बड़ा तोहफा, आजादी के बाद प्रदेश के पहले यूनानी मेडिकल काॅलेज को दिया बजट Bareilly News

प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना में उस बड़े प्रोजेक्ट के लिए बजट जारी कर दिया है जिससे मुसलमानों की तकदीर और तस्वीर दोनों ही संवरने रास्ता साफ होगा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 09:13 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 05:54 PM (IST)
Rohilkhand : पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया बड़ा तोहफा,  आजादी के बाद प्रदेश के पहले यूनानी मेडिकल काॅलेज को दिया बजट Bareilly News
Rohilkhand : पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया बड़ा तोहफा, आजादी के बाद प्रदेश के पहले यूनानी मेडिकल काॅलेज को दिया बजट Bareilly News

वसीम अख्तर, बरेली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुहेलखंड के लिए बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना में उस बड़े प्रोजेक्ट के लिए बजट जारी कर दिया है, जिससे मुसलमानों की तकदीर और तस्वीर दोनों ही संवरने रास्ता साफ होगा। आजादी के बाद प्रदेश का पहला यूनानी मेडिकल कॉलेज शहर के मुहल्ला हजियापुर में बनेगा। इस पर 129 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बतौर पहली किश्त 39 करोड़ रुपये मिल गए हैैं। साथ ही निर्माण के लिए एजेंसी भी तय कर दी गई हैै।

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ऐसा है प्रोजेक्ट का खाका

यूनानी कोर्स के जरिये डॉक्टर बनने के लिए पांच साल का कोर्स होगा। उसके लिए हर साल 50 छात्र व छात्राओं का बैच चयनित किया जाएगा। इनके लिए 200 की क्षमता वाला हॉस्टल बनेगा। साथ में 100 बेड वाला अस्पताल भी संचालित होगा। प्रोजेक्ट आयुष विभाग का है लेकिन अल्पसंख्यकों से जुड़ा होने की वजह से प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना में लेने के बाद पैसा जारी किया गया।

तीन साल में बनेगा कॉलेज 

यूनानी मेडिकल कॉलेज बनने के लिए 36 माह यानी तीन साल की समय सीमा तय की गई है। इतने समय में यह काम वक्फ विकास निगम को पूरा करना होगा। प्रदेश सरकार ने निर्माण की जिम्मेदारी निगम को सौंप दी है। इंजीनियर और आर्किटेक्ट ने जमीन देखने के बाद निर्माण की तैयारी भी शुरू कर दी है।

आजादी के बाद पहला यूनानी मेडिकल कॉलेज

प्रदेश में ऐसे दो यूनानी मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद और लखनऊ में आजादी से पहले स्थापित किए गए थे। उसके बाद पहला सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज मुहल्ला हजियापुर में बनेगा। इसके लिए जमीन नगर निगम ने उपलब्ध कराई है, जो सरकारी रिकॉर्ड में प्रोजेक्ट के नाम से ही दर्ज हो चुकी है। बरेली को यह प्रोजेक्ट अल्पसंख्यक बाहुल्य होने की वजह से मिला है। इसका सबसे बड़ा फायदा मुस्लिमों को ही होगा।

प्रदेश और उसके बाद केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यूनानी मेडिकल कॉलेज के लिए पहली किश्त जारी हो गई है। उम्मीद है कि 15 दिन के भीतर काम भी शुरू हो जाएगा। -वकील अहमद, क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी 


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