पौधे लगाने का शोर खूब हुआ, अब उन्हें बकरियां खा रहीं
जिले में 14 लाख से अधिक पौधे लगाने के लिए सरकारी अमला पौधरोपण के अभियान में दिन रात जुटा रहा।
जागरण संवाददाता, बरेली : जिले में 14 लाख से अधिक पौधे लगाने के लिए सरकारी अमला पौधरोपण के अभियान में दिन रात जुटा रहा। रोपे गए पौधों की देखभाल के बड़े-बडे़ दावे किए गए, लेकिन हकीकत में कई स्थानों पर स्थिति कुछ और ही मिली। सरकारी स्कूलों में बाल वन तैयार कराने की कवायद हुई। रविवार को जब पौधरोपण की हकीकत का जायजा लिया गया तो पुराने रिकार्ड की तरह इस बार भी पौधरोपण का बुरा हाल मिला। बकरियां पौधों को चरती मिलीं। देखभाल के अभाव में पौधे सूखे मिले।
सवा 14 लाख पौधरोपण का दावा हवा-हवाई
सपा सरकार में प्रदेश में पांच करोड़ पौधे लगाकर कीर्तिमान स्थापित किया था। इनमें करीब ढाई लाख पौधे बरेली में लगाए थे लेकिन सपा सरकार में लगे पौधों में से अधिकांश जानवर चर गए। जो बचे वह देखभाल के अभाव में सूख गए। प्रदेशभर में करीब नौ करोड़ पौधे लगाए गए। बरेली ने 14 लाख 16 हजार पौधे लगाकर हिस्सेदारी निभाई। लेकिन इस बार भी करोड़ों खर्च करके फाइलों की आंकड़ेबाजी में पौधरोपण कैद हो गया है। कागजों में सिमट गया बाल वन
करीब 1400 परिषदीय स्कूलों सहित ग्राम समाज की भूमि पर पर बाल वन बनाने का दावा किया। एक शिक्षक को 30 तथा हर बच्चे से एक-एक पौधा लगाने की आंकड़ेबाजी की गई। जब हकीकत देखी तो किसी स्कूल में चार पांच पौधे लगाकर खानापूर्ति नजर आई। पौधों को सूखते व जानवरों का निवाला बनते भी देर नहीं लगी। केस एक
अंगूरी ठाुकरान के प्राथमिक विद्यालय में सूखे पौधे खडे़ थे। जहां बंदरों के कारण पौधे नहीं पनपने की दलील ग्रामीणों सहित स्कूल स्टाफ दे रहा था। केस दो
पूर्व माध्यमिक विद्यालय डोहरा में 15 अगस्त को मात्र खानापूर्ति की गई। एक-दो लगाकर पौधरोपण का दावा कर दिया। जबकि प्रांगण में रोपने के लिए आए कुछ पौधे पडे़ थे, जो सूख चुके थे। केस तीन
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चंदपुर बिचपुरी में बिना चहारदीवारी बनाया गया बाल वन सूख चुका था। जो एक पौधा बचा था वह बकरी का निवाला बन रहा था। आंगनबाड़ी केंद्र पर भी लगे पौधे मुरझा चुके थे। केस चार
प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय बालजती में प्रांगण में एक-दो पौधे लगाए गए थे। जबकि यहां एक ही प्रांगण में दो सरकारी विद्यालय थे। जो पौधे लगे थे उन पर पत्ते तक नजर नहीं आ रहे थे।