Move to Jagran APP

Pitru Paksha 2021 : सर्वार्थसिद्धि योग में शुरु हुए पितृ-पक्ष, महासंयोग में पितरों का आशीर्वाद लेने के लिए करें ये काम

Pitru Paksha 2021 इस बार श्राद्ध पक्ष की शुरुआत सर्वार्थसिद्धि योग में हो रही है। पर्वकाल का समापन भी सर्वार्थसिद्धि योग में हो रहा है। पर्व काल में पांच सर्वार्थसिद्धि एक अमृत गुरु पुष्य योग तथा गजछाया योग का महासंयोग रहेगा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 09:22 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 09:22 AM (IST)
Pitru Paksha 2021 : सर्वार्थसिद्धि योग में शुरु हुए पितृ-पक्ष, महासंयोग में पितरों का आशीर्वाद लेने के लिए करें ये काम
Pitru Paksha 2021 : सर्वार्थसिद्धि योग में शुरु हुए पितृ-पक्ष

बरेली, जेएनएन। Pitru Paksha 2021 : इस वर्ष पितृ पक्ष का आरंभ 20 सितंबर सोमवार यानि आज से हाे गया। पितृपक्ष में पूर्वजों को याद करके दान धर्म करने की परंपरा है। इसमें पितरों की मुक्ति के लिए कर्म किए जाते हैं। एक पक्ष तक चलने वाले इस श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण विधि-विधान से किया जाता है। श्राद्ध पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन यानि छह अक्टूबर को होगा।

prime article banner

श्राद्ध का अर्थ श्रद्धापूर्वक अपने पितरों को प्रसन्न करने से है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या यानी 16 दिनों तक श्राद्ध पर्व मनाया जाता है। आचार्य मुकेश मिश्रा के मुताबिक इस बार श्राद्ध पक्ष की शुरुआत सर्वार्थसिद्धि योग में हो रही है। पर्वकाल का समापन भी सर्वार्थसिद्धि योग में हो रहा है। पर्व काल में पांच सर्वार्थसिद्धि, एक अमृत गुरु पुष्य योग तथा गजछाया योग का महासंयोग रहेगा। इस दुर्लभ पक्ष काल में पितरों के निमित्त श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होकर सुख,शांति व वंशवृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

पितरों के लिए करें ये कार्य

अपने पूर्वजों की इच्छा अनुसार दान करें। इसमें सर्वप्रथम गाय दान करना चाहिए। इसके बाद घी, चांदी, पैसा, फल, नमक, तिल, स्वर्ण, वस्त्र व गुड़ का दान करें। ध्यान रखें कि यह दान संकल्प करवाने के बाद ही अपने पुरोहित या ब्राह्मण को देना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में यह दान तिथि अनुसार ही करें। ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पितृपक्ष में श्राद्ध की तिथियां

पूर्णिमा श्राद्ध - 20 सितंबर

प्रतिपदा श्राद्ध - 21 सितंबर

द्वितीया श्राद्ध - 22 सितंबर

तृतीया श्राद्ध - 23 सितंबर

चतुर्थी श्राद्ध - 24 सितंबर

पंचमी श्राद्ध - 25 सितंबर

षष्ठी श्राद्ध - 27 सितंबर

सप्तमी श्राद्ध - 28 सितंबर

अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर

नवमी श्राद्ध - 30 सितंबर

दशमी श्राद्ध - 1 अक्टूबर

एकादशी श्राद्ध - 2 अक्टूबर 

द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर

त्रयोदशी श्राद्ध - 4 अक्टूबर

चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर

अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्टूबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.