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सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी से बोला साइबर ठग, हेलो एसबीआइ के मुख्यालय से बोल रहा हूं, तुम्हारी पेंशन बंद हो गई, जानिए आगे क्या हुआ

Cyber Crime in Pilibhit पीलीभीत ने साइबर ठगों ने पुलिस विभाग के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को अपना शिकार बनाया। जिसके चलते साइबर ठग ने सेवानिवृत्त पुलिस के दो बैंक खातों से दस लाख से अधिक की धनराशि उड़ा दी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:34 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:34 AM (IST)
सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी से बोला साइबर ठग, हेलो एसबीआइ के मुख्यालय से बोल रहा हूं, तुम्हारी पेंशन बंद हो गई, जानिए आगे क्या हुआ
सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी से बोला साइबर ठग, हेलो एसबीआइ के मुख्यालय से बोल रहा हूं,

बरेली, जेएनएन। Cyber Crime in Pilibhit : पीलीभीत ने साइबर ठगों ने पुलिस विभाग के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को अपना शिकार बनाया। जिसके चलते साइबर ठग ने सेवानिवृत्त पुलिस के दो बैंक खातों से दस लाख से अधिक की धनराशि उड़ा दी। पीड़ित पुलिस कर्मी ने इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। मामले में पीडित ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई करने की मांग की है।

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जहानाबाद थाना क्षेत्र के गांव मीरपुर निवासी मान सिंह ने पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में कहा कि वह उप्र पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। उन्होंने अपने एक बचत खाते से पिछले साल चार दिसंबर को तीस लाख रुपये की फिक्स डिपाजिट कराई थी। दूसरे बचत खाते में अपने पुत्र विक्रम सिंह के साथ संयुक्त खाता का संचालन करता है।

विगत 18 अक्टूबर को किसी व्यक्ति ने मोबाइल से काल करके उनसे कहा कि एसबीआइ  के मुख्यालय से बोल रहा हूं।तुम्हारी पेंशन बंद हो गई है। तुम्हें अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र आनलाइन कराना होगा। साथ ही कहा कि आपका प्रमाण पत्र बैंक आनलाइन कर रहा है।

आपके मोबाइल पर जो ओटीपी नंबर आए, उसे बता दो। इसके बाद उन्होंने फोन काल करने वाले पर विश्वास करके ओटीपी नंबर बता दिया।  इसके बाद 19 अक्टूबर को उनके संयुक्त खाते से इंटरनेट बैंकिंग से धोखाधड़ी कर 4 लाख 20 हजार रुपये तथा दूसरे बचत खाता से बनवाई गई एफडी लगभग छह लाख रुपये निकाल लिए गए।

यह रकम एफडी से ऋण के तौर पर निकाली गई। इस प्रकार 10 लाख 19 हजार 998 रुपये की ठगी कर ली गई। थाना प्रभारी निरीक्षक केके वर्मा के अनुसार पीड़ित की ओर से एसपी को भेजे गए प्रार्थना पत्र के आधार पर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 


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