Move to Jagran APP

बरेली के लोग अभी नहीं ले सकेंगे इलेक्ट्रिक बसों का आनंद, जानिये शहर में कब से चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें

Electric bus service in Bareilly इलेक्ट्रिक बसों में सफर के लिए शहरवासियों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। अब अगले वर्ष ही बसों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि बसों के लिए अभी केवल छह रूट ही तय किए गए हैं। अभी तक किराया तय नहीं है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 10:49 AM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 10:49 AM (IST)
बरेली के लोग अभी नहीं ले सकेंगे इलेक्ट्रिक बसों का आनंद, जानिये शहर में कब से चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें
चार्जिंग स्टेशन का कार्य लगभग पूरा, लेकिन अभी तक किराया तय नहीं

बरेली, जेएनएन। Electric bus service in Bareilly : इलेक्ट्रिक बसों में सफर के लिए शहरवासियों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। अब अगले वर्ष ही बसों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि बसों के लिए अभी केवल छह रूट ही तय किए गए हैं। अभी तक किराया तय नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि लखनऊ पैटर्न पर ही बरेली में भी बसों का किराया लागू किया जाएगा। स्वालेनगर स्थित इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग प्वाइंट का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अभी यहां कुछ कार्य शेष हैं। इसके बाद ही कार्यदायी संस्था इसे हैंडओवर करेगी।

loksabha election banner

एक करोड़ कीमत की एसी इलेक्ट्रिक बसों के लिए अभी स्मार्ट सिटी की सड़कें मुफीद नहीं मानी जा रही हैं। मंडलायुक्त इन बसों का संचालन नवंबर से शुरू कराने के लिए लगातार प्रयासरत थे, लेकिन अब शहरवासियों को इन बसों में बैठने का अवसर अगले वर्ष ही मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। तब तक इनके संचालन के लिए चुने गए सभी छह रूटों की सड़कें भी दुरुस्त हो जाएंगी। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन द्वितीय फेस में होना है। जनवरी में इनका संचालन शुरू होने की पूरी उम्मीद है।

टूटी सड़कों पर उड़ती धूल से लोग परेशान : प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल समिति रजिस्टर्ड ने शहर की बदहाल सड़कें, आधे अधूरे नाले, जलभराव सहित कई समस्याओं को लेकर महापौर माननीय उमेश गौतम जी को ज्ञापन दिया। समिति के चेयरमैन सतीश अग्रवाल, अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, महामंत्री सुदेश अग्रवाल ने कहा कि निगम की आधी-अधूरी सड़कें बनाकर छोड़ दी गई है। जलभराव की वजह से बीमारियां फैल रही हैं। टूटी सड़कों पर धूल उड़ने से पर चलना भी मुश्किल है। सभी ने कहा कि समस्याओं का शीघ्र निराकरण के लिए मशीनों द्वारा पानी का छिड़काव किया जाए, जिससे बीमारियों से बचा जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.