Lockdown : लोग घरों में है लेेकिन Corona से लड़ने के लिए ये दौड़ा रहे एंबुलेंस Bareilly News
कोरोना वायरस। यह वह नाम है जिससे पूरी दुनिया दहशत में है। पूरा देश अपने घरों में कैद है। ऐसे में जो पीड़ितों की मदद में जुटे हैं
बरेली, जेएनएन : कोरोना वायरस। यह वह नाम है, जिससे पूरी दुनिया दहशत में है। पूरा देश अपने घरों में कैद है। ऐसे में जो पीड़ितों की मदद में जुटे हैं, उनका जज्बा काबिल-ए-तारीफ है। वह सीमा पर डटे किसी सैनिक की तरह कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं। दिन-रात ड्यूटी करते हुए वह मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे हैं। इस कठिन परिस्थिति में वह मरीजों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं हैं।
कोरोना के संक्रमण को तीसरे चरण में जाने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने देश को 21 दिन के लिए लॉकडाउन किया है। जिले में स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से अब तक बीमारी का प्रसार नहीं हुआ है। लोग एहतियातन अपने घरों में हैं, वहीं 108, 102 और एएलएस (एडवांस लाइफ स्पोर्ट) एंबुलेंस के इमरजेंसी तकनीशियन व चालक अपनी जान की परवाह न करते हुए रात-दिन सेवा दे रहे है। जहां सभी वाहन बंद हैं,
वहीं यह कर्मचारी किट से लैस होकर लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं। प्रोग्राम मैनेजर इंद्रजीत सिंह ने बताया की उनको जो किट दी गई है, वह एक बार प्रयोग के लिए है। मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद इसे उतारकर नष्ट कर दिया जाता है। एंबुलेंस कर्मी महामारी को रोकने के लिए सराहनीय काम कर रहे हैं, साथ ही वह लोगों की आखिरी उम्मीद भी बने हुए हैं। संदिग्ध मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद एंबुलेंस को सैनिटाइजर से धुलवाया जाता है, जिससे कि वायरस नष्ट हो जाएं।
मरीजों की जिंदगी बचाने में एंबुलेंस का अहम रोल है। इस समय देश बड़ी आपदा से गुजर रहा है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी कई गुना बढ़ जाती है। इसका हम पूरी तरह निर्वहन भी कर रहे हैं।
- मयंक गुप्ता, जिला प्रभारी एंबुलेंस सेवा