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एफेब्रिल डेंगू के भी शिकार हो रहे लोग, इसमें नहीं आता बुखार, ऐसे इस बीमारी के लक्षण पहचानें और करें बचाव

Febrile Dengue in Bareilly पिछले तीन महीने से जिले में वायरल बुखार का प्रकोप तेजी से फैला है। जिससे हजारों की तादाद में मरीज पिछले दो महीने में जिला व निजी अस्पताल पहुंच चुके हैं।कुछ को साधारण वायरल था वहीं कई लोग मलेरिया और डेंगू वायरस का शिकार थे।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 05:30 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 06:30 AM (IST)
एफेब्रिल डेंगू के भी शिकार हो रहे लोग, इसमें नहीं आता बुखार, ऐसे इस बीमारी के लक्षण पहचानें और करें बचाव
जिले के सरकारी व निजी अस्पताल में दस से ज्यादा केस एफेब्रिल डेंगू के आ चुके सामने

बरेली, जेएनएन। Febrile Dengue in Bareilly : पिछले तीन महीने से जिले में वायरल बुखार का प्रकोप तेजी से फैला है। जिससे हजारों की तादाद में मरीज पिछले दो महीने में जिला व निजी अस्पताल पहुंच चुके हैं। इनमें कुछ को साधारण वायरल था, वहीं कई लोग मलेरिया और डेंगू वायरस का शिकार थे। हालांकि अभी तक सरकारी व निजी अस्पतालों में दस से पंद्रह ऐसे केस मिले हैं, जिन्हें बुखार तो नहीं था। लेकिन कमजोरी और अत्यधिक थकान होने पर एहतियातन जांच कराई तो डेंगू संक्रमण काफी हद तक फैल चुका था। ये एफेब्रिल डेंगू का शिकार थे।

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एफेब्रिल डेंगू की वजह : जिला अस्पताल के फिजिशियन डा. राहुल बाजपेयी के अनुसार एफेब्रिल डेंगू में किसी प्रभावित शख्स के शरीर में वायरल लोड धीरे-धीरे बढ़ता है। इससे तेज बुखार तो नहीं आता लेकिन शरीर तेजी से वायरस की चपेट में आता है। कई बार तो डेंगू इस कदर हावी हो जाता है कि मरीज की मौत भी हो जाती है। इसलिए एफेब्रिल डेंगू ज्यादा जानलेवा माना जाता है।

ये लक्षण हैं तो हो जाएं सावधान : फिजीशियन डा.राहुल बाजपेयी के मुताबिक एफेब्रिल डेंगू से ग्रसित मरीजों को बुखार नहीं आता, इसलिए पहचान मुश्किल होती है। लेकिन शरीर में काफी कमजोरी, जल्द ही थकान हो जाने के अलावा मांसपेशियों में दर्द के साथ उल्टियां भी आती हैं। मरीज डेंगू की जांच नहीं कराता है और साधारण इलाज कराता रहता है। लेकिन ऐसा करना मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

बच्चों का रखें विशेष ख्याल : बाल रोग विशेषज्ञ डा.करमेंद्र के अनुसार बड़ों की तुलना में बच्चे एफेब्रिल डेंगू की चपेट में अधिक आते हैं। एफेब्रिल डेंगू का शिकार होने पर बच्चों को अधिकांश बार बुखार नहीं आता है। लेकिन डायरिया समेत अन्य लक्षण भी बच्चे में हो सकते हैं। इसलिए स्वजन दस्त, उल्टी या अन्य किसी लक्षण में बच्चों का इस दौरान विशेष ख्याल रखें।

एक को डेंगू, नौ मरीजों में मलेरिया की पुष्टि : जिले में डेंगू से ग्रसित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से जहां दस से अधिक मरीज डेंगू से ग्रसित मिल रहे थे। वहीं सोमवार को जिले में एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है। जनवरी से अब तक जिले में डेंगू से ग्रसित 323 मरीज मिल चुके हैं। जिले में डेंगू के सापेक्ष मलेरिया के केस काफी कम हैं। रविवार को जहां एक भी मरीज मलेरिया से ग्रसित नहीं मिला था। वहीं सोमवार को नौ मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई। जिला मलेरिया अधिकारी डा. देशराज सिंह ने बताया कि इनमें चार मरीजों पीवी यानि प्लाज्मोडियम वाइवेक्स और पांच मरीज पीएफ यानि फाल्सीपेरम से ग्रसित मिले हैं। जनवरी से अब तक जिले में मलेरिया से ग्रसित कुल 2270 मरीज मिले चुके हैं।

रजऊ परसपुर में डेंगू के पांच संदिग्ध केस मिले : फरीदपुर तहसील के गांव रजऊ परसपुर में डेंगू के पांच संदिग्ध केस सामने आए हैं। बताया गया कि ये लोग कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे, कुछ दिन पहले जांच कराई थी। सोमवार को एंटीजन जांच रिपोर्ट में इन्हें डेंगू मिला। पीड़ित अरविंद मिश्रा, सरोज, जयस मिश्रा, राजवीर और अनूप शहर के निजी अस्पताल मे भर्ती हैं। जहां कुछ की हालत गंभीर है। गांव के ही योगेश मिश्रा ने बताया कि गांव के अस्पताल में भर्ती लोगों के अलावा दो दर्जन से अधिक लोग बुखार से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया गांव से फरीदपुर सीएचसी काफी दूर है।

वहीं दूसरी ओर बारिश के बाद गंदगी से बीमारियां फैल रही हैैं। सफाई नहीं हो रही है। फरीदपुर सीएचसी प्रभारी डा. बासित अली का कहना है कि डेंगू के मरीजों की जानकारी हुई है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप लगाकर गांव में अधिकतम लोगों की जांच और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराई जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बलवीर सिंह ने बताया कि जिन इलाकों में डेंगू और मलेरिया के केस ज्यादा मिले हैं, वहां पहले ही क्लस्टर बनाकर 72 घंटे का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। वहीं जलभराव वाली जगह विशेष रूप से अभियान चलवाया जाएगा।


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