दिसंबर महीने में हुई थी स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत
जिले में मलेरिया के मामले दबाने पर हुई कार्रवाई के बावजूद स्वास्थ्य महकमा नहीं सुध
जेएनएन, बरेली : जिले में मलेरिया के मामले दबाने पर हुई कार्रवाई के बावजूद स्वास्थ्य महकमा नहीं सुधरा। स्वाइन फ्लू से दिसंबर में ही एक मरीज की मौत हो गई थी, लेकिन अफसरों ने बीमारी को दबाए रखा। दूसरी मौत होने के बाद महकमा सक्रिय हुआ। फटाफट आरआरटी बनी और टोल फ्री नंबर तक जारी हो गया। मंगलवार को भी एक संदिग्ध मरीज का सैंपल जांच को भेजा गया है।
बीते दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से पीसीएस अधिकारी की मौत हो गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम अलर्ट हुई। जिला अस्पताल में दस बेड का वार्ड बना दिया गया। रेपिड रेस्पांस टीम भी गठित कर दी गई। गांवों में सीएचसी-पीएचसी स्तर पर भी टीमें बनाई गई। मगर स्वाइन फ्लू से यह मौत पहली नहीं थी। दिसंबर में कर्मचारी नगर निवासी 19 वर्षीय छात्रा की मौत भी स्वाइन फ्लू से हुई थी। मलेरिया की तरह इस बार भी स्वास्थ्य विभाग भयानक बीमारी से मौत होने के बाद भी शांत हो गया। लोगों को बीमारी से बचने के लिए सचेत नहीं किया। डॉक्टरों ने इतना जरूर बताया कि स्वाइन फ्लू का कोई मामला आने पर ही टीम सक्रिय होती है। इससे बचने के लिए लोगों को पहले से जागरूक नहीं किया जाता है। वही, दूसरी ओर मंगलवार को प्राइवेट अस्पताल से एक और संदिग्ध मरीज का सैंपल आया, जिसे जांच के लिए लखनऊ भेज दिया। अब तक चार संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच को भेजे गए हैं।
तथ्य:
- दूसरी मौत के बाद सक्रिय हुआ स्वास्थ्य महकमा, टोल फ्री नंबर जारी
- मंगलवार को भी एक संदिग्ध मरीज का सैंपल जांच को भेजा