Move to Jagran APP

दिसंबर महीने में हुई थी स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत

जिले में मलेरिया के मामले दबाने पर हुई कार्रवाई के बावजूद स्वास्थ्य महकमा नहीं सुध

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 12:01 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 12:01 AM (IST)
दिसंबर महीने में हुई थी स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत
दिसंबर महीने में हुई थी स्वाइन फ्लू से एक मरीज की मौत

जेएनएन, बरेली : जिले में मलेरिया के मामले दबाने पर हुई कार्रवाई के बावजूद स्वास्थ्य महकमा नहीं सुधरा। स्वाइन फ्लू से दिसंबर में ही एक मरीज की मौत हो गई थी, लेकिन अफसरों ने बीमारी को दबाए रखा। दूसरी मौत होने के बाद महकमा सक्रिय हुआ। फटाफट आरआरटी बनी और टोल फ्री नंबर तक जारी हो गया। मंगलवार को भी एक संदिग्ध मरीज का सैंपल जांच को भेजा गया है।

loksabha election banner

बीते दिनों स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से पीसीएस अधिकारी की मौत हो गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम अलर्ट हुई। जिला अस्पताल में दस बेड का वार्ड बना दिया गया। रेपिड रेस्पांस टीम भी गठित कर दी गई। गांवों में सीएचसी-पीएचसी स्तर पर भी टीमें बनाई गई। मगर स्वाइन फ्लू से यह मौत पहली नहीं थी। दिसंबर में कर्मचारी नगर निवासी 19 वर्षीय छात्रा की मौत भी स्वाइन फ्लू से हुई थी। मलेरिया की तरह इस बार भी स्वास्थ्य विभाग भयानक बीमारी से मौत होने के बाद भी शांत हो गया। लोगों को बीमारी से बचने के लिए सचेत नहीं किया। डॉक्टरों ने इतना जरूर बताया कि स्वाइन फ्लू का कोई मामला आने पर ही टीम सक्रिय होती है। इससे बचने के लिए लोगों को पहले से जागरूक नहीं किया जाता है। वही, दूसरी ओर मंगलवार को प्राइवेट अस्पताल से एक और संदिग्ध मरीज का सैंपल आया, जिसे जांच के लिए लखनऊ भेज दिया। अब तक चार संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच को भेजे गए हैं।

तथ्य:

- दूसरी मौत के बाद सक्रिय हुआ स्वास्थ्य महकमा, टोल फ्री नंबर जारी

- मंगलवार को भी एक संदिग्ध मरीज का सैंपल जांच को भेजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.