Move to Jagran APP

लोकसभा चुनाव 2019: पार्टियों के वाररूम तैयार, फेसबुक, ट्विटर व वाट्सएप मेन हथियार

चुनावी बिगुल बजने और अब एक-एक कर प्रत्याशी भी फाइनल होने पर शहर में पार्टियों के वार रूम भी तैयार हो गए।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 02:55 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 01:20 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2019: पार्टियों के वाररूम तैयार, फेसबुक, ट्विटर व वाट्सएप मेन हथियार
लोकसभा चुनाव 2019: पार्टियों के वाररूम तैयार, फेसबुक, ट्विटर व वाट्सएप मेन हथियार

जेएनएन, बरेली: एक वक्त था, चुनाव आते ही भोपुओं का शोर प्रत्याशियों और पार्टी का प्रचार करता था। बूथ के कार्यकर्ताओं तक मोटरसाइकिल दौड़ाकर सूचना पहुंचाई जाती थी। सूचना तकनीक और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने उस दौर को विदाई दे दी और खुद पार्टियों के वार रूम में जगह बना ली। चुनावी बिगुल बजने और अब एक-एक कर प्रत्याशी भी फाइनल होने पर शहर में पार्टियों के वार रूम भी तैयार हो गए। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम से लेकर वाट्सएप के प्रमुख हथियार से लैस हैं। देखिए कैसी है डिजिटल रणनीति...।

loksabha election banner

भाजपा : स्मार्टफोन वाले लड़ाके मुस्तैद

तकनीक की डगर पर भाजपा ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। पार्टी का कार्यालय ही सोशल मीडिया का कंट्रोल रूम है। बरेली लोकसभा क्षेत्र के सोशल मीडिया संयोजक सुशील मित्तल बताते हैं कि बूथ कमेटियों में कम से कम पांच स्मार्ट फोन वाले कार्यकर्ता रखे गए हैं जो बूथवार वाट्सएप ग्रुप से जुड़े हैं। ताकि पार्टी और प्रत्याशी संबंधी सभी सूचनाएं, निर्देश तत्काल पहुंच सकें। फेसबुक, ट्विटर के पेज भी तैयार हैं, लेकिन अभी उन पर वही सामग्री डाली जा रही है जो दिल्ली, अहमदाबाद व लखनऊ ऑफिस से उपलब्ध होती है। स्थानीय नहीं। वाट्सएप सबसे सक्रिय शस्त्र है। नमो एगेन अभियान के तहत नमो एप का लिंक वाट्सएप पर लोगों तक भेजा जाता है। जल्द पार्टी हाईकमान सोशल मीडिया वालिंयटर्स मीट भी कराएगी।

साइकिल और हाथी. वार रूम में भी साथी

प्रदेश स्तर पर सपा-बसपा का गठबंधन दोनों दलों के संगठन को भी एकसाथ लाया है। बरेली सीट सपा के और आंवला बसपा के खाते में है। सोशल मीडिया पर सक्रियता के मामले में गठबंधन की चाल फिलहाल धीमी है। सपा के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष कदीर अहमद ने बताया कि बरेली से पार्टी का प्रत्याशी अभी घोषित नहीं है, इसलिए आइटी सेल पूरी तरह सक्रिय नहीं है, लेकिन वाट्सएप ग्रुप बूथ स्तर तक बने हैं। इससे कार्यकर्ताओं से सभी सूचनाओं का आदान प्रदान तेजी से होता है। प्रत्याशी घोषित होते ही आइटी सेल पूरी मुस्तैदी से काम करने लगेगा।

कांग्रेस : जड़ों के साथ तकनीक की दोस्ती शुरू

भारतीय लोकतंत्र की सबसे पुरानी पार्टी के संगठन ने भी तकनीक से दोस्ती की है। प्रचार के साथ ही पार्टी रणनीति बनाने में इसका प्रयोग अधिक कर रही है। त्वरित संपर्क, संदेश पहुंचाने के लिए वाट्सएप मुख्य जरिया है। यही कारण है कि प्रत्येक विधानसभा में जोन, सेक्टर, सब सेक्टर के साथ ही बूथ कमेटियों तक के अलग अलग वाट्सएप ग्रुप बने हैं। जिले में आइटी प्रभारी अनवर हुसैन ने बताया कि इन ग्रुप में पार्टी हाईकमान के निर्देश भेजे जाते हैं। इसके अतिरिक्त प्रचार संबंधी काम में फेसबुक, इंस्टग्राम और ट्विटर का भी प्रयोग हो रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.