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बरेली-आंवला मे नए चेहरो पर सपा का दांव

2019 मे होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी समाजवादी पार्टी ने शुरू कर दी है। पार्टी ने दावेदारो के आवेदनो मे से मजबूत प्रत्याशियो को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 08 Feb 2018 02:57 AM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 04:08 PM (IST)
बरेली-आंवला मे नए चेहरो पर सपा का दांव
बरेली-आंवला मे नए चेहरो पर सपा का दांव
जागरण संवाददाता, बरेली : 2019 मे होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी समाजवादी पार्टी ने शुरू कर दी है। पार्टी ने दावेदारो के आवेदनो मे से मजबूत प्रत्याशियो को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया है। आला नेताओं ने भी मंडल की दो सीटो बदायूं और शाहजहांपुर मे पुराने प्रत्याशियो को बरकरार रख शेष तीन पर नए प्रत्याशियो को चुनाव मैदान मे उतराने के संकेत दिए है। लोकसभा चुनाव मे प्रदेश मे पांच सीट हासिल करने वाली सपा ने अगले चुनाव मे दमदार स्थिति के लिए अभी से कवायद शुरू कर दी है। कांग्रेस से गठबंधन न होने की स्थिति मान कर पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के इच्छुक दावेदारो के आवेदन मांगे जा चुके है। इन्हे दावेदारो के कद और संबंधित क्षेत्र मे मतदाताओं की स्थिति, उनकी जनसंख्या के हिसाब से सूचीबद्ध भी किया जा चुका है। बरेली मंडल की पांच लोस सीटो मे से सिर्फ एक पर काबिज सपा दूसरी सीटो पर भी कब्जे की कोशिश मे है। इसीलिए मतदाताओं को प्रभावित करने वाले नेताओं को दूसरे दलो से सपा मे लाने के काम का आगाज हो चुका है। पार्टी ने पिछले चुनाव मे बरेली से इस्लाम साबिर की बहू व पूर्व मंत्री शहजिल की पत्नी आयशा इस्लाम को प्रत्याशी बनाया था। इसी तरह आंवला से कुंवर सर्वराज सिंह, पीलीभीत से बुद्धसेन वर्मा, शाहजहांपुर से मिथिलेश कुमार और बदायूं से धर्मेद्र यादव को प्रत्याशी बनाया। सिर्फ धर्मेद्र यादव ही पार्टी को जीत दिला अपनी सीट बचा पाए। जबकि कुछ अंतर से मिथिलेश कुमार को हार का सामना करना पड़ा। ऐसी स्थिति मे पार्टी इन दोनो सीटो पर छेड़छाड़ नही करना चाहती। आंवला मे शाक्य या कश्यप सपा ने कुंवर सर्वराज सिंह को पिछले चुनाव मे प्रत्याशी बनाया। वे एक लाख वोटो से ज्यादा के अंतर से हार गए। उनके साथ इस बार इस्लाम साबिर भी आंवला से चुनाव लड़ने का दावा पार्टी से कर चुके है। साथ ही बदायूं से टिकट का दावा करने वाले आबिद रजा को भी अभी पार्टी ने आंवला का रास्ता दिखाया है। इस सब कवायद के बाद भी पार्टी यहां मतदाताओं की स्थिति देखते हुए शाक्य या कश्यप बिरादरी के नेता पर दांव आजमाने की कोशिश मे है। ऐसे मे इन्ही बिरादरी से जुड़े भाजपा के आंवला मूल के एक नेता और दातागंज मूल के एक नेता पर सपा की ओर से डोरे डाले जा रहे है। हालांकि अभी कोई बात आगे नही बढ़ी है। आंवला विधानसभा से पहली बार बसपा से चुनाव लड़े अब सपा मे शामिल अगम मौर्य भी यहां अपनी दावेदारी को लेकर सुनिश्चित है। पीलीभीत मे पूर्व मंत्रियो पर दांव शाहजहांपुर के दो बार के सांसद और चार बार के विधायक रहे राममूर्ति वर्मा को पार्टी नेता पीलीभीत ले जाने की कोशिश मे है। हालांकि पार्टी का एक धड़ा नवाबगंज से पांच बार विधायक और दो बार मंत्री रहे भगवत सरन गंगवार और पहली बार बरखेड़ा से जीते और मंत्री बने हेमराज वर्मा पर भी दांव आजमाने की सलाह पार्टी आला कमान को दे रहा है। पिछले दिनो नवाबगंज से ही पूर्व विधायक छोटे लाल गंगवार की सपा मे घर वापसी से पार्टी आला कमान ने अघोषित रूप से भगवत सरन को नवाबगंज विधानसभा के बजाय पीलीभीत ले जाने के फैसले पर मुहर भी लगा दी है। बरेली मे मुस्लिम दावेदार मंडल की पांच सीटो मे से बरेली को छोड़ कर सपा की ओर से दूसरी बिरादरी और धर्म के प्रत्याशियो पर दांव लगाने की तैयारी है लेकिन बरेली मे पार्टी नेताओं ने मुस्लिम चेहरे पर दांव लगाने के संकेत दिए है। बहेड़ी के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री अताउर रहमान ने बरेली सीट के लिए अपनी दावेदारी भी आला कमान को जताई है। पूर्व महापौर डॉ. आइएस तोमर भी यहां मजबूती से अपना दावा कर रहे है। बसपा से सपा मे आए चौधरी असरफ खां ने भी इस सीट से आवेदन किया है। इन दावेदारो के बीच ही पार्टी ने दूसरे विकल्प भी खुले रखे है। जिसके तहत पार्टी नेतृत्व के कहने पर एक स्थानीय नेता ने बरेली और आंवला से कांग्रेस के एक ¨हदू और एक मुस्लिम प्रत्याशी से भी संपर्क साध कर टिकट का ऑफर दिया है। दोनो ओर से इन्कार के बाद भी पार्टी इस विकल्प को अभी खोले हुए है। कांग्रेस और बसपा होगी एक साथ सपा के एक उच्च पदस्थ नेता के अनुसार पिछले माह पार्टी नेतृत्व की ओर से कांग्रेस नेताओं से लोस चुनाव के गठबंधन पर पूछा गया था। लेकिन उनकी ओर से इस पर अब तक कोई जवाब नही दिया गया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी सपा से गठबंधन को लेकर खामोश है। हालांकि उनकी ओर से बसपा से गठबंधन को लेकर गुपचुप चर्चा हो रही है। उम्मीद है कि दोनो पार्टियां एक साथ लोकसभा के चुनाव मैदान मे उतरे।

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