दहशत : डेंगू से होने वाली मौतों से दहशत में लोग फायदा उठा रहे निजी चिकित्सक Bareilly News
जिले में डेंगू फैल गया। अब तक 145 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। दो की मौत हो चुकी है। जिला अस्पताल का वार्ड भर गया है और एक-एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती करने पड़ रहे हैं।
जेएनएन, बरेली: मलेरिया से निपटे तो जिले में डेंगू फैल गया। अब तक 145 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। दो की मौत हो चुकी है। जिला अस्पताल का वार्ड भर गया है और एक-एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती करने पड़ रहे हैं। नजी चिकित्सकों ने बुखार की इस दहशत को कैश करना शुरू कर दिया। ताजा मामला बहेड़ी का सामने आया है, जहां बुखार पीड़ित को डेंगू बता दिया गया। जिला अस्पताल में जांच हुई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने अब कार्रवाई की तैयारी की है। कहा है कि बिना एलाइजा जांच यदि किसी को डेंगू बताया तो अस्पताल संचालक पर कार्रवाई होगी।
बहेड़ी के जाम बाजार निवासी लक्ष्मण प्रसाद की पत्नी मूलिया (50) को कुछ दिन पहले बुखार आया था। घरवालों ने उन्हें बहेड़ी के ही एक निजी ल में भर्ती कराया। अस्पताल वालों ने मरीज के खून की जांचकर डेंगू होना बताया। इस पर परिवार वालों ने महिला को 30 अक्टूबर को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। अस्पताल में भी महिला के डेंगू की जांच हुई। अस्पताल में एलाइजा टेस्ट में महिला को डेंगू की पुष्टि नहीं हुई। इस पर डॉ. वागीश वैश्य ने उन्हें डेंगू वार्ड से हटाकर दूसरे वार्ड में भर्ती कराया। महिला को उपचार दिया, जिसके बाद उनकी हालत ठीक हो गई। इस पर डॉक्टर ने उन्हें रविवार को डिस्चार्ज कर दिया।
बुखार से मौत के बाद टूटी नींद, लगा शिविर
फतेहगंज पश्चिमी के गांव रहपुरा जागीर में बुखार से बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जाग गए। रविवार को चिकित्सा शिविर लगाकर 156 मरीजों का चेकअप किया। साथ ही 63 मरीजों के खून के नमूने लेकर जांच की। जिसमें पांच मलेरिया, पांच पीवी के मरीज पाए गए। सीएचसी टीम के फार्मासिस्ट विजय कुमार, लैब असिस्टेंट हैलेन्द्र सागर, अभिनव, सुपरवाइजर लीलाधर आदि मौजूद रहे। रहपुरा जागीर निवासी हरिराम कश्यप के नौ वर्षीय पुत्र कैलाश काफी समय से बुखार से पीड़ित था। उसकी मौत हो गई थी।
मंडल के दो जिलों में तेजी से फैल रहा डेंगू
मंडल के दो जिलों में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ एक जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) हैं। दो जगह प्रभार होने के चलते मच्छरों पर नियंत्रण के कार्यक्रम ठीक से नहीं चल पा रहे हैं। यही कारण है कि दोनों जिलों में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दोनों जिलों में बीमारी से लोगों की मौत भी हो चुकी है, फिर भी स्वास्थ्य महकमा इस ओर गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। पिछले वर्ष जिले में मलेरिया का जबरदस्त प्रकोप रहा। कई लोगों की मौत हो गई। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जिले में निरीक्षण कर मलेरिया का प्रकोप फैलने के कारण जिला मलेरिया अधिकारी पीके जैन को निलंबित कर दिया था। उसके बाद 15 सितंबर 2018 को पीलीभीत के जिला मलेरिया अधिकारी डीआर सिंह को जिले का भी प्रभार दे दिया गया। रोकथाम के भरपूर इंतजाम नहीं होने से पीलीभीत और बरेली में डेंगू फैल गया। बरेली में डेंगू से एक महिला व एक छात्र की मौत हो चुकी है। पीलीभीत में तीन की मौत हो चुकी जबकि 36 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
नहीं चला लार्वा तलाशने का अभियान
जिला मलेरिया अधिकारी के पास दो जिलों का चार्ज होने के कारण डेंगू की रोकथाम के लिए लार्वा तलाशने का अभियान अब तक नहीं चल पाया।
हर बुखार का मतलब डेंगू नहीं
चिकित्सकों का कहना है कि बुखार आते ही उसे डेंगू न मानें। जो चिकित्सक गुमराह कर रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही। नोटिस जारी किए जाएंगे।
आशंका हो तो कराएं एलाइजा टेस्ट
डेंगू की आशंका हो तो जिला अस्पताल पहुंचकर वहां एलाइजा टेस्ट कराएं। सिर्फ उसी से बीमारी की पुष्टि हो सकती है। रिपोर्ट भी उसी दिन आ जाती है।
जांच में निजी लैब कर रहीं खेल, आ रही शिकायते
शिकायतें आ रहीं कि प्राइवेट अस्पताल में बनीं या उनके संपर्क में रहने वाली निजी लैब में खेल हो रहा। सामान्य बुखार पीड़ित मरीजों के लिए भी डेंगू बताकर इलाज के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली जा रही।
बुखार आया और किशोर ने तोड़ा दम
भाजपा नगर उपाध्यक्ष एवं बार एसोसिएशन के कनिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप नारायण मिश्र एडवोकेट का पुत्र ज्योतिआदित्य मिश्र (14) स्टेशन रोड स्थित विद्यालय में कक्षा आठ का छात्र था। बुधवार को बुखार आने पर उसका स्थानीय डॉक्टर से उपचार कराया गया। बाद में उसे बरेली रेफर कर दिया गया। जहां निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बार एसोसिएशन व व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने उनके घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी।
पांच नए मरीज मिले, वार्ड फुल
जिला अस्पताल में बना डेंगू वार्ड फुल हो गया है। यहां एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती करने की नौबत आ गई है। रविवार को पांच नए मरीज डेंगू वार्ड में भर्ती किए गए। बीते एक महीने में डेंगू ने तेजी से पैर पसारे हैं। अब तक जिले मे डेंगू के करीब 145 मरीज सामने आ चुके हैं। जिला अस्पताल के हृदयरोग वार्ड में 10 बेड का डेंगू वार्ड बना है। शनिवार को वहां सात मरीज भर्ती थे। रविवार को पांच और मरीज आए और संख्या बढ़कर 12 हो गई। बेड सिर्फ 10 होने के कारण एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया गया है। मरीज मच्छरदानी के बाहर बैठ रहे हैं, इससे संक्रमण फैलने की भी आशंका है। डेंगू के मरीज लगातार बढ़ने के बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन ने अब तक वार्ड नहीं बढ़ाए हैं। वहीं, शहर के प्राइवेट अस्पताल भी मरीजों से भरे हुए हैं। इन अस्पतालों में भर्ती कई मरीजों का डेंगू का इलाज चल रहा है। अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. टीएस आर्य ने बताया कि डेंगू के मरीज भर्ती करने के लिए बेड बढ़ाए जाएंगे।
डीएमओ को हफ्ते में चार दिन बरेली और दो दिन पीलीभीत में रहने को कहा गया है। पीलीभीत में एडीएमओ भी हैं, इसलिए बरेली में अधिक वक्त देने को कहा है। डेंगू की रोकथाम को स्वास्थ्य महकमा जुटा है। - डॉ. राकेश दुबे, अपर निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य)