Panchayat Election 2021 : बरेली में पिछली बार 38 सीटें जीतने वाली सपा जिलाध्यक्ष का दावा, 40 सीटों पर जीतेंगे चुनाव
Panchayat Election 2021 सत्ता में रहते हुए समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत चुनाव में परचम लहराया। चाहे 2010 का चुनाव रहा हो या 2015 का पंचायत चुनाव। लेकिन अब चुनौती तगड़ी है। पिछले चुनाव में जिला पंचायत में 38 सदस्यों पर सपा के उम्मीदवार थे।
बरेली, जेएनएन। Panchayat Election 2021 : सत्ता में रहते हुए समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत चुनाव में परचम लहराया। चाहे 2010 का चुनाव रहा हो या 2015 का पंचायत चुनाव। लेकिन अब चुनौती तगड़ी है। पिछले चुनाव में जिला पंचायत में 38 सदस्यों पर सपा के उम्मीदवार थे, जिला पंचायत अध्यक्ष भी उनकी पार्टी का। आरक्षण जारी होने के बाद सपा के पदाधिकारी पंचायत चुनाव को लेकर तय रणनीति को अमलीजामा पहनाने लगे हैं। जिलाध्यक्ष अगम मौर्य का दावा है कि 40-45 सीटों पर सपा समर्थित उम्मीदवार ही जीतेंगे, हालांकि पार्टी पदाधिकारी मान रहे है कि इस दफा वर्चस्व बचाने की चुनौती होगी।
चुनाव के इच्छुक संभावित प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के कार्यालय में आवेदन देने लगे हैं। क्योंकि हाईकमान की अनुमति के बाद ही संभावित प्रत्याशियों पर आखिरी मुहर लगनी है। पहले दिन सपा में चुनाव लड़ने वालों के 23 आवेदन पहुंचे हैं। गुरूवार को भी 2010 और 2015 के पंचायत चुनाव नतीजों पर मंथन हुआ। आरक्षण आने के बाद क्षेत्रों में आवेदन चार से 10 तारीख तक लिए जाएंगे।
इसके बाद पांच दिन का गांव-गांव सर्वे होगा। इसमें देखा जाएगा कि दावेदारी करने वाला प्रत्याशी कितना मजबूत है। पार्टी पदाधिकारियों की सहमति से ही उम्मीदवार उतारे जाएंगे। पार्टी प्रवक्ता मयंक शुक्ल उर्फ मोंटी के मुताबिक पंचायत चुनाव में उम्मीदवार को सिंबल देने पर अभी गाइडलाइन नहीं आई है। इसलिए पार्टी समर्थित प्रत्याशी ही मैदान में ताल ठोकेंगे। सपा के मजबूत नेता अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क शुरू कर चुके हैं।
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह की बहू कंचन ने वार्ड 43 से पिछले चुनाव में रिकार्ड जीत हासिल की थी। कंचन के जरिए वीरपाल साख बचाने की कोशिश करेंगे। वहीं वीरपाल सिंह के भतीजे विनोद की सीट यानी वार्ड 41 के महिला आरक्षित होने के बाद परिवार की महिला सदस्य के मैदान में उतरने की संभावना है। सपा के पूर्व विधायक महीपाल सिंह के लिए वर्चस्व वाले वार्ड ताकत दिखाने के लिए सुरक्षित हैं। वार्ड 52 ओबीसी महिला और वार्ड 53 ओबीसी के लिए आरक्षित है।
पूर्व जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी शिल्पी यादव वार्ड 48 से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। शुभलेश की माता माहेश्वरी यादव यहां से पिछली बार जीती थी। वार्ड 50 से शुभलेश की पत्नी डॉ. अनुराधा यादव तैयारी कर रही थी, लेकिन सीट एससी महिला के लिए आरक्षित होने के बाद अब दोबारा विचार किया जा रहा है। पूर्व जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव का कहना है कि किसान आंदोलन के चलते किसानों का समर्थन भी सपा को मिल रहा है। इस बार भी पंचायत चुनाव की तैयारियां कर रहे है।