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¨हदुस्तानी बनने को तीस बरस तपस्या

जागरण संवाददाता, बरेली : तीस बरस गुजर गए। कराची की राना निकाह कर अपने शहर आ गई मगर ¨हदुस्त

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 02:16 AM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 02:16 AM (IST)
¨हदुस्तानी बनने को तीस बरस तपस्या
¨हदुस्तानी बनने को तीस बरस तपस्या

जागरण संवाददाता, बरेली : तीस बरस गुजर गए। कराची की राना निकाह कर अपने शहर आ गई मगर ¨हदुस्तानी होने का प्रमाणपत्र नहीं मिल सका। भारतीय नागरिकता पाने के लिए वह कार्यालयों के चक्कर लगाती रहीं। जिनके साथ इस वतन में आई, वह भी चल बसे। मगर राना ने हिम्मत नहीं हारी। ¨हदुस्तान की नागरिकता पाने के लिए हर मोर्चे पर लड़ती रहीं। अब उन्हें अपनी इस कोशिश को मुकाम मिल पा रहा है।

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पाकिस्तान की व्यापारिक राजधानी करांची की राना मुख्तार ने वर्ष1987 में बरेली के कांकरटोला निवासी सैयद कमर अली से निकाह किया था। शादी के बाद वह पति सैयद के साथ बरेली आ गई। उस समय शुरुआत में वीजा अवधि पर ससुराल में रहने के बाद राना मुख्तार ने भारतवंशी से शादी और यहीं पर बसने के आधार पर भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन राना को नागरिकता नहीं मिली। उम्मीद की आस में देखते ही देखते 30 बसंत गुजर गए। पति सैयद भी साथ छोड़कर चले गए। फिर भी राना ने मंजिल पाने के लिए आस नहीं छोड़ी। जबकि केंद्र और राज्य में बदलती सरकारों की वजह से भी कई प्रकार की दिक्कतें सामने आई थी। 30 सालों के बाद अब राना का संघर्ष पूरा हुआ। राना के पासपोर्ट समर्पण के बाद उनका पाकिस्तानी नागरिकता परित्याग का प्रमाण पत्र शनिवार को कलक्ट्रेट पहुंचा। लखनऊ में गृह विभाग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय से भारतीय नागरिकता का प्रमाण जारी किया जाएगा।

ऑनलाइन आवेदन से मिली जीत

राना का कागजी आवेदन कभी लखनऊ तो कभी दिल्ली के कार्यालयों में भटकता रहा। कई बार आपत्ति लगने के बाद वापस होता गया। इस बीच केंद्र सरकार के ऑनलाइन फार्म पर राना मुख्तार ने आवेदन किया। इसके बाद से नागरिकता की प्रक्रिया की गाड़ी आगे बढ़ी। नवंबर में केंद्रीय गृह विभाग ने आवेदन की सारी आपत्तियां दूर होने पर राना मुख्तार का पाकिस्तानी पासपोर्ट जमा कराया था। उसके आधार पर 30 नवंबर को पाकिस्तान सरकार के इमीग्रेशन एवं पासपोर्ट महानिदेशक कार्यालय की तरफ से उनकी नागरिकता परित्याग का प्रमाण पत्र जारी किया गया। खुफिया विभाग ने इसकी तस्दीक के बाद प्रमाण पत्र कलक्ट्रेट भेजा।

बड़ी बहन दो माह पूर्व हुई भारतीय

राना मुख्तार की बड़ी बहन उजमा मुख्तार का निकाह भी राना के जेठ से हुआ था। दो महीने पहले अक्टूबर में ही उजमा को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला है।


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