रिठौरा के राशन घोटाले में गिरा पहला विकेट
रिठौरा में सरकारी राशन की कालाबाजारी के चर्चित मामले में आखिरकार पहली कार्रवाइ्र हो गई।
जागरण संवाददाता, बरेली : रिठौरा में सरकारी राशन की कालाबाजारी के चर्चित मामले में आखिरकार पहला विकेट गिर गया। डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने जांच रिपोर्ट के आधार पर फरीदपुर के पूर्ति लिपिक पवन कुमार को निलंबित कर दिया है। जांच में उसकी भूमिका राशन की कालाबाजारी में शामिल होने जैसी पाई गई। वह गोदाम के राशन पर स्टैंपिंग कोड नहीं लगा रहा था। तब जबकि उसे यह जिम्मेदारी बकायदा लिखित आदेश जारी करके सौंपी गई थी।
गरीबों का राशन माफिया के सुपुर्द कर देने के इस बड़े मामले में कार्रवाई की शुरूआत एक छोटे कर्मचारी से हुई है। फरीदपुर के पूर्ति लिपिक पर जिम्मेदारी थी कि उसे एसएफसी गोदाम भुता में रखे खाद्यान्न के कट्टों पर स्टैंपिंग कोड लगाना था। उसने ऐसा नहीं किया, जिससे सरकारी राशन की कालाबाजारी हो गई। रिठौरा में पिकअप से बरामद हुआ चावल भुता के एसएफसी गोदाम से ही लाया गया था, जिसे पूर्ति विभाग के अफसर और उनके मातहतों ने बाजार का बता दिया। 'जागरण' ने जब इस मामले को प्रमुखता से उठाया तो एसएफसी प्रबंधक ने गोदाम इंचार्ज को हटा दिया। अब आकर डीएम ने फरीदपुर के पूर्ति लिपिक को नाप दिया। उसे पूर्व के डीएम ने लिखित में गोदाम में रखे राशन पर स्टैंपिंग कोड की जिम्मेदारी दे रखी थी लेकिन वह ऐसा कर नहीं रहा था। डीएम ने जब जांच कराई तो गोदाम में रखे एक भी कट्टें पर स्टैंपिंग कोड नहीं पड़ा था। उन्होंने लिपिक को निलंबित करते हुए उसे मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया है। नगर मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। पूर्ति लिपिक पर अपने अधिकारियों के अन्य आदेशों की अवहेलना करने का भी आरोप है।
बड़ों पर कार्रवाई का इंतजार
डीएम ने एक लिपिक को राशन की कालाबाजारी कराने में नाप दिया। भूमिका अफसरों की भी संदिग्ध है लेकिन मामला पकड़ में आने के 18 दिन बाद भी उन पर आरोप तय नहीं हो सका है। डीएम ने डीएसओ सीमा त्रिपाठी से लेकर अन्य अफसरों और पूर्ति निरीक्षक की भूमिका को संदिग्ध जरूर माना है लेकिन फिलहाल ये सभी बचे हुए हैं। कार्रवाई का इंतजार है। एडीएम एफआर जांच कर रहे हैं।
सोमवार को लेंगे सिटी मजिस्ट्रेट के बयान
रिठौरा के राशन घोटाले की जांच कर रहे एडीएम एफआर मनोज पाण्डेय ने बताया कि जांच में अब सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार शुक्ला के बयान दर्ज होने से रह गए हैं। वह लखनऊ गए हुए हैं। लौटकर आने पर सोमवार को उनके बयान लिए जाएंगे। बता दें कि जिस दिन रिठौरा में सरकारी राशन पकड़ा गया, उस दिन एसडीएम सदर एमपी सिंह छुट्टंी पर थे। उनका कार्यभार सिटी मजिस्ट्रेट पर था।