Move to Jagran APP

महिला दिवस पर रूहेलखंड विश्वविद्यालय में हुआ आयोजन, विचारकों ने कहा महिला ही कर सकती है बुद्धि और शक्ति में संतुलन

कार्यकम में न्युट्रिशियनिष्ट डा. मुक्ता बोहरा का व्याख्यान हुआ। इसमें छात्र छात्राओं को समुचित खान पान व स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरी बातों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफ़ेसर के पी सिंह जी ने कहा कि प्रकृति ने नारी को ही समस्त शक्तियों का स्वामिनी इसलिए बनाया है

By Sant ShuklaEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 11:10 AM (IST)
महिला दिवस पर रूहेलखंड विश्वविद्यालय में हुआ आयोजन, विचारकों ने कहा महिला ही कर सकती है बुद्धि और शक्ति में संतुलन
सोमवार को वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजिन किया गया।

 बरेली, जेएनएन। महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर आयोजित हो रहे तीन दिवस कार्यक्रम का सोमवार को समापन हुआ। सोमवार को वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजिन किया गया। इसमें 'द कोविड-19 वर्ल्ड इज मोर होस्टाइल फाॅर वुमेन'विषय पर छात्र छात्राओं ने संवाद किया। इसमें राघवेंद्र प्रथम, मानसी द्वितीय और प्रज्ञा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कहा कि नारी शक्ति संवेदना, सृजन और जिम्मेदारी का प्रतीक है।

loksabha election banner

कार्यकम के दूसरे सत्र में न्युट्रिशियनिष्ट डा. मुक्ता बोहरा का व्याख्यान हुआ। इसमें छात्र छात्राओं को समुचित खान पान व स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरी बातों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफ़ेसर के पी सिंह जी ने कहा कि प्रकृति ने नारी को ही समस्त शक्तियों का स्वामिनी इसलिए बनाया है क्योंकि एक मात्र नारी ही शक्ति व बुद्धि का सही संतुलन कर सकती हैं। नारी को प्रकृति ने ही धन की देवी लक्ष्मी, ज्ञान की देवी सरस्वती व शक्ति की देवी दुर्गा का रूप दिया। न्यायप्रिय होने के कारण नारी किसी के साथ अन्याय नहीं होने देती। परिवार का संचालन इसका ज्वलंत उदाहरण है। वहीं डा. अमित सिंह ने कहा कि महिलाओं के अचीवमेंट का भी ऑडिट होना चाहिए। 1920 से पहले विश्व में कहीं भी महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नहीं था। कार्यक्रम में लाइव पेंटिंग से वारणी शुक्ला व अंशिका अग्रवाल ने सभी का ध्यान आकृषित किया। सेल की समन्वयक प्रो. आशा चौबे ने तीन दिवसीय महोत्सव का रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान प्रो. निवेदिता श्रीवास्तव, कामिनी विश्वकर्मा, डॉ रुचि द्ववेदी, डॉ आशुतोष प्रिय, एवं डॉ अनु महाजन ने सहयोग दिया। इस अवसर पर ललिता, आकांक्षा, अदिति, याशिका, अपूर्वा, सौरभ, आशुतोष, चंदन, शिवम आदि छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे।

चित्रकला प्रदर्शनी में समझाई नारी की परिभाषा

महिला दिवस पर वीरांगना रानी अवंतीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय की चित्रकला विभाग की छात्राओं ने विभागाध्यक्ष डॉ अन्नू महाजन के साथ ट्रैनिंग एंड प्लेसमेंट सेल में चित्रकला प्रदर्शनी लगाई। डॉ अन्नू के अनुसार औरत सौंदर्य, साहस, दृढ़ निश्चय, करुणा, समझदारी, आत्मविश्वास की सच्ची परिभाषा है। महिला दिवस के अवसर पर प्रदर्शनी में नारी के विभिन्न रूप दिखाने का प्रयास किया। एक तरफ उसमे मातृत्व को दर्शाया है तो दूसरी तरफ उसमे काली को दिखाया है। चित्रकला प्रदर्शनी में स्वाति ,रुखसार, दिव्यशी, सुमन, किरण, पायल, कल्पना इत्यादि छात्राओं ने भागीदारी की।

वेबिनार में हुई महिला शक्ति पर चर्चा

विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वूमेन स्टडीज द्वारा महिला दिवस पर वेबिनार का आयोजित हुआ। इसमें कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कहाकि ईश्वर ने सृजन की शक्ति तथा अन्य शक्तियां स्त्रियों को ही दी है, क्योंकि स्त्री अपने पास प्राप्त शक्ति का उपयोग सकारात्मक ही करती है। अतः समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी समाज को उन्नति की ओर ले जाएगी। कार्यक्रम में देश के अलग अलग विश्वविद्यालय की महिला प्रवक्ताओं, डीन आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वूमेंस स्टडीज के संबंध में कोऑर्डिनेटर प्रो. सुमित्रा कुकरेती ने सेंटर की गतिविधियों के बारे में बताया।संचालन विमल कुमार जबकि अंत में डॉ अनीता त्यागी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.