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Jagran Special : समधी की सलाह पर शाहजहांपुर के इस गांव में बरस रही आर्थिक हरियाली, पढिए ये खास रिपोर्ट Shahjahanpur News

परंपरागत खेती से अधिक मुनाफा हुआ तो परिवार के ही अन्य सदस्य भी टमाटर की खेती करने लगे। फिर सिलसिला इस कदर चला कि महज पांच वर्षो में ही गांव के अधिकांश किसानों ने भी इसको अपना लिया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 05:41 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 05:41 PM (IST)
Jagran Special :  समधी की सलाह पर शाहजहांपुर के इस गांव में बरस रही आर्थिक हरियाली, पढिए ये खास रिपोर्ट Shahjahanpur News
Jagran Special : समधी की सलाह पर शाहजहांपुर के इस गांव में बरस रही आर्थिक हरियाली, पढिए ये खास रिपोर्ट Shahjahanpur News

शाहजहांपुर, अजयवीर सिंह : विकासखंड बंडा का मानपुर पिपरिया गांव। पांच साल पहले गांव निवासी रामऔतार ने महज दो बीघा में टमाटर की खेती शुरू की थी। परंपरागत खेती से अधिक मुनाफा हुआ तो परिवार के ही अन्य सदस्य भी टमाटर की खेती करने लगे। फिर सिलसिला इस कदर चला कि महज पांच वर्षो में ही गांव के अधिकांश किसानों ने टमाटर की खेती को अपना लिया। मेहनत, लगन के साथ जैविक खेती की बदौलत शाहजहांपुर, पीलीभीत, बरेली, बदायूं और लखीमपुर समेत आसपास जिलों की मंडियों में यहां से टमाटर की आपूíत हो रही है। रामऔतार ने बताया कि जब से टमाटर की खेती गांव में शुरू हुई है, तब से करीब दो सौ से अधिक लोगों को गांव में ही रोजगार भी मिलना शुरू हो गया है।

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अक्टूबर के पहले सप्ताह में बुवाई

रामऔतार ने बताया कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में बीज बोया जाता है। 45 दिन में फल लगना शुरू हो जाता है। 70 दिन बाद से टमाटर की मंडियों को आपूíत शुरू हो जाती है। खास बात, टमाटर को न ही बेसहारा पशु खाते है और न ही नुकसान पहुंचाते है।

प्रति एकड़ छह लाख की आय

एक एकड़ में करीब एक लाख रुपये की लागत आती है। जबकि टमाटर छह सौ ¨क्वटल टूटता है। जिससे तकरीबन छह लाख रुपये की आय होती है। ऐसे में करीब पांच लाख रुपये का मुनाफा होता है। जो अन्य फसलों से कई गुना अधिक है।

परंपरागत खेती से बनाई दूरी

गेहूं, धान, गन्ना आदि परंपरागत फसलों के बजाय यहां के कृषक टमाटर की खेती पर जोर दे रहे हैं। इससे न सिर्फ गांव की एक अलग पहचान बनी है बल्कि किसानों की गरीबी भी दूर होने लगी है। जो किसान रोजगार मांग रहे थे वे खुद रोजगार देने में सक्षम है।

समधी की सलाह आई काम

रामऔतार बताते हैं कि सात साल पहले बेटी पूनम की पुवायां तहसील क्षेत्र के वनगवां में गांव में शादी की थी। समधी नन्हें टमाटर की खेती बहुतायत में करते है। उन्होंने अन्य फसलों के बजाय इस पर टमाटर की खेती पर विशेष जोर देने की सलाह दी थी। जो हमारे काम आई।


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