मन उदास होने पर बरेली कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर अपनाती है ये ट्रिक Bareilly News
कभी किसी वजह से मन उदास हुआ या उलझन हुई तब किताबें पढ़कर अपनी उदासी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती।
बरेली, जेएनएन : किताब पढ़ना हर किसी को जल्दी पसंद नहीं आता। लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें किताब का एक पन्ना पढ़े बिना नींद नही आती। किताब पढ़ने से हमारे शरीर को कई सारे लाभ मिलते हैं। हर इंसान को कम से कम 30 मिनट के लिए ही किताब पढ़नी चाहिए। किताबे पढ़ने से तनाव और अकेलापन तो दूर होता है, बल्कि लेखक द्वारा रचित काल्पनिक घटनाओं को पढ़ते हुए पूरी तरह खो जाने से आप अपनी एकाग्रता को मजबूत करना सीख पाते हैं।
चपन में पिताजी कहानियां सुनाते थे तभी से कहानियों को पढ़ने का शौक शुरू हो गया था। सबसे पहले नंदन पत्रिका, चंदा मामा जैसी किताबें पढ़ीं। आज भी जब फुर्सत का समय मिलता है तो किताबों को अपना साथी बना लेती हूं। कभी किसी वजह से मन उदास हुआ या उलझन हुई तब किताबें पढ़कर अपनी उदासी को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती। चाहे किसी सफर पर जा रही हूं या बाजार, कोई न कोई किताब जरूर खरीदकर लाती हूं। इस समय मेरे पास 400 से अधिक किताबों का संग्रहालय है जिसमें मेरी पसंद की सभी किताबों को रखा गया है।
- डॉ. पूजा गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर, बरेली कॉलेज बरेली
ऐसी छोटी सी कहानी हमें नकारात्मकता से सकारात्मकता की तरफ ले जाती है। वैसे तो आप एक किताब को घंटो पढ़ सकते हैं। लेकिन जीवन में एक किताब ऐसी होती है जिसको बार-बार पढ़ने की खास अहमियत होती है। लेखक डॉ. स्पेंसर जॉनसन एमडी की किताब मेरा चीज किसने हटाया, कहानी के माध्यम से बताते है कि कैसे हम मानसिक जाल में फंसे रहते है और कामयाबी हासिल करने से चूक जाते हैं। मैंने वर्ष 2017 में किताब पढ़ना शुरू किया। इस समय मेरे पास 500 से ज्यादा किताबों का संग्रहालय है। इस संग्रहालय का नाम सूफी आश्रम है। - कामरान सकलैनी, शाहबाद