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जब आठ पुल अधूरे तो सुहाने सफर के अरमान कैसे हों पूरे

एक दशक हो चला बरेली-सीतापुर मार्ग पर सुहाने सफर की आस पूरी नहीं हो पाई। वर्षो इंतजार के बाद जब दूसरी कंपनी ने निर्माण का जिम्मा संभाला तो उसकी सुस्त चाल लोगों को रुला रही है। सड़क निर्माण की गति तो बेहद धीमी है ही साथ में अधूरे पड़े ओवरब्रिज का काम भी गति नहीं पकड़ पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 02:07 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 02:07 AM (IST)
जब आठ पुल अधूरे तो सुहाने सफर के अरमान कैसे हों पूरे
जब आठ पुल अधूरे तो सुहाने सफर के अरमान कैसे हों पूरे

बरेली, जेएनएन : एक दशक हो चला, बरेली-सीतापुर मार्ग पर सुहाने सफर की आस पूरी नहीं हो पाई। वर्षो इंतजार के बाद जब दूसरी कंपनी ने निर्माण का जिम्मा संभाला, तो उसकी सुस्त चाल लोगों को रुला रही है। सड़क निर्माण की गति तो बेहद धीमी है ही साथ में अधूरे पड़े ओवरब्रिज का काम भी गति नहीं पकड़ पा रहा है। बरेली से शाहजहांपुर तक आठ पुल अधूरे पड़े हैं। इनमें से सिर्फ तीन पर ही एनएचएआइ ने काम शुरू करवाया है। उनकी निर्माण गति भी बेहद धीमी है। शनिवार को एक बार फिर जागरण की टीम ने पुलों का हाल देखा। परिणाम पहले जैसे ही मिली। फरीदपुर बाईपास पर धंसे पुल से निकल रहे वाहन

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शहर से निकलते ही फरीदपुर बाईपास पर बने पुल की दोनों साइड धंसी हुई हैं। सर्विस रोड का भी हाल खराब है। जान जोखिम में डालकर मुसाफिर धंसे हुए पुल की एक साइड से वाहन निकालते हैं। पुल के दोनों तरफ रेलिग नहीं है। गुरुद्वारे के पास का पुल धंसा

फरीदपुर से आगे गुरुद्वारे के पास बने पुल की दोनों साइडों पर वाहन चल रहे हैं, लेकिन दोनों ओर से पुल का काफी हिस्सा धंसा हुआ है। वहां रेलिग की भी व्यवस्था नहीं है। वाहनों के लिए पुल खतरनाक बना है। द्वारिकेश मिल के समीप वाले पुल पर एक ओर जा रहे वाहन

फतेहगंज पूर्वी में स्थित द्वारिकेश शुगर फैक्ट्री के पास बने पुल की एक साइड ही चालू है। दूसरी ओर का हिस्सा अधूरा पड़ा है। जहा से वाहन निकल रहे हैं, वहां भी कई जगह सड़क धंसी हुई है। इस पुल से कई वाहन नीचे गिर चुके हैं। जब गन्ने का सीजन चलता है तो सर्विस रोड बंद रहती है, जिससे प्रतिदिन जाम लगता है। टिसुआ पुल भी अधूरा बना

टिसुआ से आगे और फैक्ट्री के पास भी पुल अधूरा बना है। इस पुल की भी एक साइड ही चालू है। दूसरी साइड अधूरी पड़ी है। रेलिग न होने के कारण पिछले महीनों में ही प्रवासियों को ले जा रही बस और ट्रक की जबरदस्त टक्कर हुई, जिसमें ट्रक पुल से नीचे जा गिरा और प्रवासी मजदूरों से भरी बस अधूरे पुल पर जाकर लटक गई। कार्य शुरू, निर्माण बहुत धीमा

फतेहगंज पूर्वी नगर में अधूरे पड़े पुल पर बीते दिनों निर्माण कार्य शुरू कराया गया है। पुल पर किनारे की दीवार बनाई जा रही है। वहां मिट्टी का भरान भी किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था का कहना है कि दिवाली से पहले पुल निर्माण पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन उसकी गति देखकर ऐसा लग नहीं रहा। वहां सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। दो माह बाद भी नहीं भरा गड्ढा

बहगुल नदी पर बना पुल भी अधूरा है। इस पर केवल एक ओर वाहन चल रहे हैं। दो महीने पहले इस पुल के बीच में बड़ा हिस्सा धंस गया था। पुल पर गड्ढा हो गया। वहां क्रश बैरियर लगाकर वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया। आज भी दूसरी ओर से वाहन निकल रहे हैं। पुल का गड्ढा नहीं भरा है। जाम का मुख्य स्थान हुलासनगरा पुल

हुलासनगरा ओवरब्रिज ही नेशनल हाईवे पर जाम लगने का मुख्य कारण है। अधूरा पुल के कारण वाहन क्रासिग से ही निकल रहे हैं, जिसके बंद होने के कारण वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। दो महीने पहले इस पुल का निर्माण भी कंपनी ने शुरू किया है। कार्य की गति बेहद धीमी है। इसलिए लोगों को यहां जल्द राहत मिलती नहीं दिख रही। पुल का निर्माण लगभग पूरा

कटरा नगर (शाहजहांपुर) में एनएचएआइ ने पुल निर्माण कार्य पूरा कर दिया है लेकिन, पुल पर सड़क बननी बाकी है। फिलहाल वहां साइड प्लेट लगाई जा रही हैं। पुल पर मिट्टी भी डाली जा रही है। जल्द वाहन चलने शुरू होंगे।

लोगों से बातचीत

- हाईवे का काम पूरा नहीं होने के कारण थाने में धूल का गुबार उड़ता रहता है। यहां आने वाले फरियादियों को भी धूल मिट्टी से जूझना पड़ता है।

- अश्विनी कुमार, थाना प्रभारी, फतेहगंज पूर्वी

- सड़क निर्माण का काम तो शुरू हो गया है लेकिन, इसकी गति बेहद धीमी है। इससे पता नहीं चल रहा है कि कब तक निर्माण पूरा हो पाएगा।

नितिन सिंह

- ओवरब्रिज पर निकलना काफी खतरनाक साबित हो रहा है। वहां कभी भी हादसा होने का डर बना रहता है। सबसे पहले उसे ठीक कराया जाना चाहिए।

शिवम अग्रवाल

- हुलासनगरा क्रासिग पर सबसे अधिक दिक्कत है। वहां काम की गति बेहद धीमी है। ऐसा ही काम होता रहा तो लोगों को जल्द राहत मिलने के आसान नहीं हैं।

सारिका सिघल


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