इन बैंकों में अब नहीं मान्य होंगे पुराने चेकबुक, जानिए एक अप्रैल से कौन से लागू हो रहे हैं नए नियम
नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत होते ही पहली अप्रैल से कई नियम बदल जाएंगे। इससे विलय हुए बैंकों के ग्राहकों के पुराने चेकबुक निष्प्रयोज्य हो जाएंगे। हालांकि नए चेकबुक पहले से ही जारी होने लगे हैं लेकिन अब भी कुछ लोगों तक ये चेक नहीं पहुंचे हैं।
बरेली, जेएनएन। नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत होते ही पहली अप्रैल से कई नियम बदल जाएंगे। इससे विलय हुए बैंकों के ग्राहकों के पुराने चेकबुक निष्प्रयोज्य हो जाएंगे। हालांकि नए चेकबुक पहले से ही जारी होने लगे हैं, लेकिन अब भी कुछ लोगों तक ये चेक नहीं पहुंचे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से नियमों में कुछ बदलाव तो हुए हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसके बारे में ज्यादा कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।
बैंकों के विलय के बाद नए वित्तीय वर्ष में विजय बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, आंध्रा बैंक, यूनाइटेड बैंक, इलाहाबाद बैंक के पुराने चेकबुक मान्य नहीं होंगे। इनका दूसरी बैंकों में विलय हो चुका है। बदायूं के लीड बैंक अधिकारी परमजीत सिंह का कहना है कि इन बैंकों के खाताधारकों को पहले से ही नए चेकबुक मुहैया कराने की शुरूआत की जा चुकी है। 75 फीसद लोगों तक पहुंच भी चुका है। जिन लोगों तक नहीं पहुंचा है, उन्हें भी शीघ्र पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के हित में रिकरिंग पेमेंट के नियम में बदलाव किए गए हैं। अब इस तरह के पेमेंट पूरी तरह से आटोमेटिक नहीं रहेंगे, भुगतान से पहले ग्राहक को सूचना दी जाएगी और अनुमति भी ली जाएगी।
ढ़ाई लाख से अधिक ब्याज पर लगेगा टैक्स
पीएफ के सालाना ब्याज की राशि ढाई लाख से अधिक होने पर इस पर टैक्स लागू हो जाएगा। राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष रवींद्र मोहन सक्सेना का कहना है कि यह राशि कर्मचारियों के वेतन से कटौती करके ही जमा की जाती है। पहली अप्रैल से लागू हो रही इस व्यवस्था में छोटे कर्मचारी तो नहीं आएंगे, लेकिन अधिकारियों और अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों पर असर पड़ेगा।
भत्ते की राशि 50 फीसद से अधिक नहीं बढ़ेगी
कर्मचारियों के भत्ते में होने वाली वृद्धि पर भी अंकुश लगेगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला मंत्री गौरव यादव का कहना है कि पहली अप्रैल से लागू हो रहे नए नियम में अब कर्मचारियों में भत्तों की वृद्धि 50 फीसद से अधिक नहीं हो सकेगी। महंगाई के इस दौर में इससे लाखों कर्मचारियों का हित प्रभावित होगा।
रिटर्न भरना अब रहेगा फायदेमंद
नए वित्तीय वर्ष में आयकर रिटर्न भरना फायदेमंद रहेगा। सीए अश्वनी गोयल कहते हैं कि रिटर्न भरने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। टीडीएस नियमों को सख्त किया गया है। जो रिटर्न नहीं भरेगा, उसे नए वित्तीय वर्ष में दोगुना टीडीएस भरना पड़ेगा।