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दिल्ली अग्निकांड : बाजारों में जांच के लिए जागे अफसर, सीएफओ ने सिटी मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र Bareilly News

दिल्ली में भीषण अग्निकांड में 45 लोगों की मौत की घटना के बाद जिले में अग्निशमन विभाग की नींद टूटी है। उसे अब आबादी क्षेत्र में पटाखा दुकानों से अनचाहे हादसे की आशंका होने लगी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 01:45 PM (IST)
दिल्ली अग्निकांड : बाजारों में जांच के लिए जागे अफसर, सीएफओ ने सिटी मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र  Bareilly News
दिल्ली अग्निकांड : बाजारों में जांच के लिए जागे अफसर, सीएफओ ने सिटी मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र Bareilly News

जेएनएन, बरेली : सरकारी तंत्र जिम्मेदारी के बजाय हादसों पर जागता है। दिल्ली में भीषण अग्निकांड में 45 लोगों की मौत की घटना के बाद जिले में अग्निशमन विभाग की नींद टूटी है। उसे अब आबादी क्षेत्र में पटाखा दुकानों से अनचाहे हादसे की आशंका होने लगी। बुधवार को मुख्य अग्निशमन अधिकारी चंद्रमोहन शर्मा ने सौ फुटा रोड स्थित आतिशबाजी दुकानों को आबादी से बाहर करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र लिखा है।

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घनी आबादी में दुकान से लेकर गोदाम तक : कई साल पहले शहर के भीतर लगने वाली आतिशबाजी दुकानों को सौ फुटा रोड पर शिफ्ट किया गया था। आबादी और शहर बढ़ा तो बसावट इस सड़क के पास तक हो गई। अब घनी आबादी है। आतिशबाजी दुकानों से लेकर गोदाम इसी आबादी के बीच में हैं। इससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। कई बाद मांग उठी। दिवाली पर खूब हल्ला मचा। व्यापारियों को 45 दिन में दुकानें शिफ्ट करने का नोटिस भी दिया गया। इसके बावजूद यह दुकानें यहां से नहीं हटवाई जा सकीं।

पड़ताल में मानक मिले अधूरे, दी चेतावनी : शहर के बाजारों में आग के प्रबंध हैं या नहीं। यह देखने के लिए बुधवार को सीएफओ चंद्र मोहन शर्मा श्यामगंज मंडी समेत अन्य बाजारों में पहुचें। यहां कई दुकानों का निरीक्षण किया। कहीं भी उन्हें अग्निशमन यंत्र नहीं मिले। कुछ दुकानों पर यंत्र थे तो वह एक्सपायर हो चुके थे। सीएफओ ने दुकानदारों को अग्निशमन यंत्र लगवाने की चेतावनी दी। साफ कहा कि दोबारा जांच में अगर यंत्र नहीं मिले तो कार्रवाई की जाएगी।

शोपीस बने अग्निशमन यंत्र : कलेक्ट्रेट हो या तहसील या फिर सर्किट हाउस। इन सरकारी भवनों में अग्निशमन यंत्र तो लगाए गए हैं, लेकिन शोपीस बने हैं। न तो इनका निरीक्षण किया जाता है और न ही यह देखा जाता है कि वह चालू हालत में हैं या नहीं। कहीं पर अग्निशमन यंत्र हेलमेट रखने का स्टैंड बने हैं तो कहीं बालू की बाल्टियों में चाय और दोने रखे जा रहे हैं।

व्यापारियों को नोटिस दिया गया था लेकिन उन्होंने अभी दुकानों को स्थानांतरित नहीं किया गया है। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल्द कार्रवाई की जाएगी।

चंद्र मोहन शर्मा, सीएफओ


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