किचन : कीमतों से बाजार में टमाटर और हुआ ‘लाल’, जनता हो रही बेहाल Bareilly News
प्याज की बढ़ी कीमतों से निकले आंसू थमे नहीं थे। अब टमाटर भी ‘लाल’ हो गया है। इसकी बढ़ती कीमतों से गृहणियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जेएनएन, बरेली : प्याज की बढ़ी कीमतों से निकले आंसू थमे नहीं थे। अब टमाटर भी ‘लाल’ हो गया है। इसकी बढ़ती कीमतों से गृहणियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। थोक मंडी में यह 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से है। वहीं, फुटकर कीमतों की बात करें तो शहर की लोकल मंडियों में इसकी कीमत 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। जबकि करीब सप्ताह भर पहले टमाटर की कीमत फुटकर बाजार में 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम थी। यानी, सात दिनों में ही कीमत दोगुनी तक हो गई।
इसलिए बढ़ गए टमाटर के रेट
टमाटर महंगा होने से गृहणी ठीक से सब्जी में तड़का भी नहीं लगा पा रही हैं। टमाटर महंगा होने का मुख्य कारण है डिमांड के हिसाब से सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है। नासिक, बंगलुरु और हिमाचल से जो टमाटर आ रहा, वह शहर की खपत के मुताबिक पूरा नहीं पड़ रहा। डिमांड ज्यादा होने की वजह से रेट बढ़ गए हैं।
इलाके में ज्यादा नहीं टमाटर की खेती
टमाटर की बढ़ी कीमतों की वजह यह भी है कि बरेली या आसपास के इलाकों में टमाटर की खेती बहुत कम होती है। जो कुछ टमाटर यहां होता है, वह इलाकाई मंडी में ही खप जाता है। ऐसे में जिले की मंडी नासिक, बंगलुरु या हिमाचल से आने वाले टमाटर पर ही निर्भर रहती है।
दिवाली बाद राहत मिलने की उम्मीद
बाजार के जानकार बताते हैं कि थोक बाजार में 20 किलोग्राम की कैरट का रेट 600 से 800 रुपये तक पहुंच जाता है। फिलहाल लोगों को टमाटर की बढ़ी कीमतों से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इसके लिए दिवाली तक का इंतजार करना होगा। त्योहार खत्म होने के बाद टमाटर ही नहीं अन्य सब्जियों के रेट भी कम हो जाएंगे, क्योंकि बाद में आवक भी बढ़ जाएगी।