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Technology : पूर्वोत्‍तर रेलवे हुआ बेहद एडवांस, अब एप से होगी रेल ट्रैक की निगरानी

रेलवे पथ की संरक्षा व सुरक्षा को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे ने एक नया मोबाइल एप ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (टीडीएमएस) बनाया है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 08:25 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 08:25 PM (IST)
Technology : पूर्वोत्‍तर रेलवे हुआ बेहद एडवांस, अब एप से होगी रेल ट्रैक की निगरानी
Technology : पूर्वोत्‍तर रेलवे हुआ बेहद एडवांस, अब एप से होगी रेल ट्रैक की निगरानी

बरेली, जेएनएन : रेलवे पथ की संरक्षा व सुरक्षा को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे ने एक नया मोबाइल एप ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (टीडीएमएस) बनाया है। इससे मंडल मुख्यालय व संबंधित अधिकारियों को यह पता चलेगा कि रेलवे ट्रैक की पेट्रोलि‍ंंग कितनी हुई, कहां खामियां रहीं, किन खंडों में पेट्रोलि‍ंंग अभी होनी है और भी इस तरह की कई जानकारियां मिल सकेंगी।

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रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन चलाने को लगाए गए ओवर हेड इक्विपमेंट का निरीक्षण और खामियों की सूचना अधिकारियों तक पहुंचाने की प्रक्रिया अब बेहद आसाना हो गई है। पेट्रौलमैन मौके पर ही निरीक्षण से प्राप्त सूचनाओं को ऑनलाइन फीड करते हैं और वह तत्काल अधिकारी के पास पहुंच जाती है। इस एप को सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने तैयार किया है। इस एप के जरिए पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में निगरानी भी शुरू हो गई है। दरअसल पहले विद्युत विभाग के पेट्रोलमैन निरीक्षण के दौरान ओएचई से जुड़ी खामियों को कागज पर नोट करते थे। जिसे बाद में सुपरवाइजर को बताया जाता था। जिसके बाद यह सूचना अधिकारियों तक पहुंच पाती थी।

एप में हैं कई विशेषताएं

इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सि‍ंंह ने बताया तैयार किए गए एप में कई विशेषताएं है। इस एप में एक ऑटोमेटिक अलार्म लगा हुआ है, जो प्रत्येक 15 दिन पर सेक्शन इंचार्ज को यह सूचित करता है कि किन-किन खंडों की पेट्रोलि‍ंंग होना बाकी है।

इस तरह काम करता है एप

पेट्रोलमैन के मोबाइल पर उपलब्ध इस एप में उन सभी कमियों का उल्लेख होता है, जो पैदल निरीक्षण के दौरान संज्ञान में आ सकती है। कमी मिलने पर पेट्रोलमैन एप में उस कमी के सामने केवल टिक करता है। जीपीएस के माध्यम से संबंधित ट्रैक पेट्रोलमैन की लोकेशन मिलती रहती है। फीड हुई कमियों की सूचना एप से तत्काल मंडल मुख्यालय व संबद्ध सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पास पहुंच जाती है, जिसे वे वेबसाइट पर देख लेते हैं।

क्‍या बोले अध‍िकारी

ट्रैक पेट्रोलि‍ंंग के लिए पहले से ही जीपीएस आधारित ट्रैकर सभी पेट्रोलमैन को दिए जा चुके हैं। अभी मानसून पेट्रोलि‍ंंग की जा रही है, जिसकी मॉनिटरि‍ंंग इसी से कि जा रही है। - राजेंद्र सि‍ंंह, जनसंपर्क अधिकारी इज्जतनगर मंडल  


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