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अब रिकार्ड होंगी ट्रेनों में होने वाली घटनाएं, बाडी वार्न कैमरों से लैस होंगे जीआरपी के दारोगा और सिपाही

ट्रेनों व रेलवे जंक्शन पर चेकिंग अभियान के दौरान अक्सर यात्री जीआरपी के दारोगा व सिपाहियों पर अभद्रता करने या फिर ड्यूटी पूरी पारदर्शिता के साथ न करने के आरोप लगते रहते है। इसलिए जीआरपी के सभी दारोगा व सिपाहियों को बाडी वार्न कैमरा देने का निर्णय लिया गया है।

By Vivek BajpaiEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 03:52 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 03:52 PM (IST)
अब रिकार्ड होंगी ट्रेनों में होने वाली घटनाएं, बाडी वार्न कैमरों से लैस होंगे जीआरपी के दारोगा और सिपाही
शाहजहांपुर पहुंचे जीआरपी के डीआइजी सौमित्र यादव।

शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। जीआरपी के डीआइजी सौमित्र यादव ने मंगलवार को शाहजहांपुर जंक्शन पहुंचकर थाने का निरीक्षण किया। उन्होंने ट्रेनों व जंक्शन पर चेकिंग करने के लिए जीआरपी के दारोगा व सिपाहियों को जल्द ही बाडी वार्न कैमरों से लैस करने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने कर्मचारियों की समस्याएं भी सुनीं और समाधान कराने का आश्‍वासन दिया।

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ट्रेनों व रेलवे जंक्शन पर चेकिंग अभियान के दौरान अक्सर यात्री जीआरपी के दारोगा व सिपाहियों पर अभद्रता करने या फिर ड्यूटी पूरी पारदर्शिता के साथ न करने के आरोप लगते रहते है। ऐसे में जीआरपी के सभी दारोगा व सिपाहियों को बाडी वार्न कैमरा देने का निर्णय लिया जा रहा है। मंगलवार को रेलवे जंक्शन के थाने का निरीक्षण करने पहुंचे डीआइजी सौमित्र यादव ने कहा कि बाडी वार्न कैमरा जवानों की वर्दी में शर्ट की जेब पर लगेगा। इस विशेष इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिये रेलवे स्टेशन या फिर ट्रेनों में अपराधी कोई घटना को अंजाम देने का प्रयास करता है तो उसी पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा ड्यूटी पर तैनात किसी भी कर्मचारी पर आरोप प्रत्यारोप भी कोई नहीं लगा सकेगा।

उन्होंने कहा कि इस कैमरे में किसी भी वारदात को रिकार्ड करना संभव हो सकेगा। कैमरों की रिकार्डिंग को भी आसानी से देखा जा सकता है। जरूरत के हिसाब से उसे सुरक्षित भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी दूसरे प्रदेश, जिला या फिर थाना क्षेत्र में हुई घटना को यात्री जिस किसी थाने में मुकदमा दर्ज कराना चाहता है तो उसमे भी किसी तरह का टाल मटोल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा जिस दिन मुकदमा दर्ज किया जाता है उसी दिन मुकदमे की कापी को ईमेल के जरिये संबंधित थाने को भेजना सुनिश्चित किया जाए ताकि विवेचना शुरू करने में देरी न हो। उन्होंने निरीक्षण के दौरान दारोगा व सिपाहियों की समस्याएं भी सुनीं।


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