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अब फोरलेन पर थमेगी हादसों की रफ्तार Bareilly News

अधूरे पड़े बरेली-सीतापुर फोरलेन ने दर्जनों जिंदगियां लील लीं। कभी गड्ढों के कारण हादसे हुए तो कभी बेतरतीब रूट डायवर्जन ने।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 12:07 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 01:36 PM (IST)
अब फोरलेन पर थमेगी हादसों की रफ्तार Bareilly News
अब फोरलेन पर थमेगी हादसों की रफ्तार Bareilly News

जेएनएन, बरेली : अधूरे पड़े बरेली-सीतापुर फोरलेन ने दर्जनों जिंदगियां लील लीं। कभी गड्ढों के कारण हादसे हुए तो कभी बेतरतीब रूट डायवर्जन ने। मौतें होती रहीं मगर अधिकारी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़कर किनारे होते गए। जब इरा कंपनी काम छोड़कर फरार हुई, तब कहा गया कि काम एनएचएआइ कराएगा। हालांकि फिर भी इंतजार पूरा नहीं हुआ। ऐसा करते डेढ़ साल गुजर गया और हादसे होते गए। अब जाकर एनएचएआइ ने सुध ली और दिवाली के बाद काम शुरू हो सकेगा।

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तक करीब 157 किमी मार्ग पर काम डेढ़ साल से बंद होने के कारण 40 फीसद मार्ग दोबारा बनाया जाना है। फाइनेंशियल बिड में पास होने वाली कंपनी को हर हाल में एनएचएआइ 15 अक्टूबर तक वर्कआर्डर जारी कर देगी। करीब एक महीना औपचारिकताएं पूरी करने में लगेगा। दिवाली के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

नौ साल से पूरा नहीं हुआ राजमार्ग: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने पीपीपी मॉडल के तहत 22 जून 2010 को बरेली हाईवे प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी (बीएचपीएल) के साथ सड़क बनाने का अनुबंध किया था। करीब 157 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण को 2600 करोड़ की लागत स्वीकृत हुई। कंपनी ने अपनी कार्यदायी संस्था इरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड नोएडा से काम कराया। करीब डेढ़ साल पहले बैंक से रकम नहीं मिलने के कारण कंपनी काम बंद कर फरार हो गई। इस पर एनएचएआइ ने कंपनी को बर्खास्त कर कंपनी के मालिक के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई। इरा कंपनी की जमानत राशि के रूप में लगाए गई 55 करोड़ रुपये भी एफडीआर भी जब्त कर ली।

फरीदपुर के पास सबसे ज्यादा हादसे: फरीदपुर में निर्माणाधीन टोल प्लाजा के पास साल भर में छह से ज्यादा जानलेवा हादसे हुए। पिछले साल वहां रूट डायवर्जन की जगह पर न कोई संकेतक लगाए और न रिफ्लेक्टर। नतीजन, बरेली की ओर से सरपट दौड़ती जाने वाली गाड़ियां उस डायवर्जन स्थल पर मिट्टी, सीमेंट के ढेर से टकरा जाती थीं। पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल फरवरी तक यानी सर्दियों में करीब तीस गाड़ियां उस जगह पर क्षतिगस्त हुईं।


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