अब बरेली के होटलों में ठहरना होगा महंगा
जीएसटी की काउंसिल की चंडीगढ़ में हुई 47वीं बैठक में कई वस्तुओं और सेवाओं की दरों में बदलाव किये गए हैं। दरों में हुए बदलाव का सीधा असर आम जन पर पड़ेगा। होटलों में ठहरने के साथ ही पैकेज्ड मिल्ट प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे।
बरेली, जागरण संवाददाता: जीएसटी की काउंसिल की चंडीगढ़ में हुई 47वीं बैठक में कई वस्तुओं और सेवाओं की दरों में बदलाव किये गए हैं। दरों में हुए बदलाव का सीधा असर आम जन पर पड़ेगा। हालांकि, जीएसटी की दरों में बदलाव आने से अब जिले में जीएसटी का कलेक्शन पहले की तुलना में काफी बढ़ जाएगा। लेकिन होटलों में ठहरने के साथ ही पैकेज्ड मिल्ट प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे। पैकेज्ड डेयरी फूड में शामिल दही, लस्सी, बटरमिल्क और छाछ पर करीब पांच प्रतिशत टैक्स लगने से इनकी कीमत में बढ़ोतरी हो जाएगी। साथ ही अन्य तमाम वस्तुओं पर कुछ महंगाई आ जाएगी।
पहले एक हजार रुपये से कम के कमरों पर जीएसटी नहीं था, अब उन पर 12 प्रतिशत से जीएसटी पड़ेगा। ऐसे में बरेली में बड़ी संख्या ऐसे होटल हैं, जिनका किराया एक हजार रुपये कम है। इससे बरेली के होटल में जब आप ठहरने जाएंगे तो दरों में कुछ बढ़ोतरी जरूरी हो जाएगी।
वहीं, घरों को किराये पर अगर कोई कंपनी लेती है, उस पर 18 प्रतिशत टैक्स देना होगा। यही नहीं, मकान बनाकर बेचने पर टैक्स लगाया गया है लेकिन भूमि पर टैक्स नहीं है। ऐसे में अगर जमीन को प्लाट के रूप में बेचेंगे तो उस पर टैक्स नहीं देना होगा।
इस बारे में वरिष्ठ सीए कपिल वैश्य बताते हैं कि बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण करने वाली एजेंसियों पर अब टैक्स नहीं पड़ता था लेकिन अब उन पर 12 प्रतिशत टैक्स पड़ेगा। ऐसे में बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण भी महंगा हो जाएगा। इससे चिकित्सीय सेवाएं और महंगी हो जाएंगीं। जबकि नई दरें लागू होने से सड़कों के निर्माण पर खर्च बढ़ेगा।
आइसीएआइ बरेली ब्रांच के चेयरमैन प्रदीप तिवारी का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिये गए निर्णय के बाद कुछ चीजों को दी गई छूट समाप्त कर दी गई है और कुछ चीजों पर टैक्स दर बढ़ाई गई है जिससे आम जनता को पोस्ट आफ़िस एवं बैंकिंग सर्विस के लिए ज्यादा भुगतान करना पडेगा।
बरेली जिले के प्रमुख चीनी उद्योग पर भी प्रभाव पड़ेगा। चीनी के दाम बढ़ने से पब्लिक परेशान होगी। मशीनरी पर टैक्स बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ सकती है, जोकि उद्यमियों का लाभ कम करेगी। टेक्नोलोजी अपग्रेड करने से जीएसटी पोर्टल में कुछ सुधार की उम्मीद है, जिससे व्यापारी और सीए को राहत मिल सकती है।