टेबल पर फरमान, नियम तोड़ रहे बेहिसाब
जागरण संवाददाता, बरेली : महज तीन माह ही हुए हैं, शासन ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता
जागरण संवाददाता, बरेली : महज तीन माह ही हुए हैं, शासन ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए इन पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कई आदेश जारी किए थे, लेकिन ये आदेश परिवहन विभाग के अफसरों की टेबिल तक ही सीमित रह गए। इन फरमान पर परिवहन अफसर संजीदा नहीं हुए और न ही ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों पर ठोस कार्रवाई की गई। नतीजा, न दुर्घटनाएं रूकी और न ही नियम तोड़ने वाले जागरूक हुए। पिछले साल दिसंबर में शासन ने दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाली सवारी के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया था। ऐसा न करने वालों पर कार्रवाई का भी फरमान आया था। बावजूद इसके परिवहन विभाग कार्रवाई के लिए अभी तक नींद से नहीं जागा है।
सड़कों पर दौड़ रहे बम्परयुक्त वाहन
शासन की ओर से 24 जनवरी को चारपहिया या इससे बड़े वाहनों से बुल बार (बम्पर) हटाने के आदेश आए थे। बावजूद इसके संभागीय परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल की ओर से शहर में बम्पर वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। इस कारण आज भी सड़कों पर बुल बार लगे वाहन बेधड़क दौड़ रहे है। कुछ कार शोरूम संचालकों के यहां भी बम्पर लगाए जा रहे हैं।
बगैर हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर नहीं लग रहा अंकुश दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाली सवारी के लिए भी हेलमेट जरूरी किए जाने के आदेश को तीन महीने बीत चुके हैं। शुरुआत में प्रवर्तन दल ने कार्रवाई की। मंडल भर में दोपहिया वाहनसवारों के हेलमेट न पहनने पर पांच सौ के करीब चालान भी किए। इसके बावजूद बगैर हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पीछे बैठी सवारी तो दूर की बात, जो बाइक या स्कूटी चला रहा है, वो ही हेलमेट नहीं लगा रहा है। इससे साफ है कि महज ऊपर दिखाने भर की कार्रवाई हो रही है।
वर्जन
सभी वाहनों से बम्पर हटाने के आदेश आ चुके हैं। फिटनेस टेस्ट में इसका ध्यान रखा जाता है। अभियान चलाकर बम्पर लगे वाहनों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। बिना हेलमेट दोपहिया वाहन सवारों पर कार्रवाई लगातार की जा रही है।
-उदयवीर सिंह, एआरटीओ (प्रवर्तन), बरेली