बातें बनाने से नहीं जमीन पर उतरकर करना होगा काम
विकास भवन सभागार में महिला व बच्चियों के साथ बढ़ती घटनाओं पर छोटी सी आशा संस्था ने बैठक आयोजित की, लेकिन बिना तैयारियों के साथ पहुंचने पर डीएम ने संस्था की पदाधिकारियों को कार्य योजना प्रस्तुत करने की नसीहत दी।
जागरण संवाददता, बरेली : विकास भवन सभागार में महिला व बच्चियों के साथ बढ़ती घटनाओं पर छोटी सी आशा संस्था ने बैठक आयोजित की, लेकिन बिना तैयारियों के साथ पहुंचने पर डीएम ने संस्था की पदाधिकारियों को कार्य योजना प्रस्तुत करने की नसीहत दी। कहा, बातें बनाने की बजाय जमीन पर उतरकर इस दिशा में काम करना होगा। इसमें जिला प्रशासन सहयोग करेगा।
इस दौरान संस्था की अध्यक्ष पारूल मलिक, मीनल व अन्य सदस्यों ने स्कूल-कॉलेजों सहित घरों में द¨रदगी का शिकार हो रही बच्चियों की मार्मिक वेदना पर प्रकाश डाला। कहा, बच्चों को गुड टच व बैड टच की जानकारी देनी होगी। साथ ही सोशल साइट के जरिये फैल रहे इस घिनौने कृत्य को रोकथाम के लिए उपाय खोजने होंगे। डीएम ने कहा कि संस्था के कहने पर अफसरों ने अपना कीमती समय निकाला है, लेकिन संस्था को इस बैठक में अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करनी चाहिए थी। अफसरों का समय भी बर्बाद नहीं होता। प ड़ितों की मदद करने से पहले करें केस स्टडी
डीएम ने कहा, यदि संस्था पीड़ितों की मदद व ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए काम करना चाहती है तो पहले संस्था सदस्यों को केस स्टडी करनी होगी। पंफलेट व अन्य माध्यम से आमजन को जागरूक करने में अफसर साथ देंगे, लेकिन जनपद में कहां से और किस तरह से संस्था पदाधिकारी इसकी शुरुआत करेंगी यह बताना होगा। डीएम के तेवर देख सीडीओ ने माइक संभाला। कहा, आंकड़े बताते हैं कि महिला उत्पीड़न व बच्चियों से द¨रदगी की घटनाएं हर वर्ग में आई हैं। सुझाव देते हुए कहा कि बुकलेट आदि का स्कूलों में वितरण कराकर बच्चों का मार्गदर्शन कराएं। ग्रामीण अंचलों के विद्यालयों में रैली आदि के जरिए जागृति लाएं। जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण देकर तैयार किया जा सकता है। जिला प्रोबेशन अधिकारी नीता अहिरवार ने विभागीय सहायता, व्यवस्थाओं की जानकारी देकर महिला सदस्यों का ज्ञानवर्धन किया।