फोरलेन निर्माण पूरा करने को निवेशकों की तलाश
जागरण संवाददाता, बरेली : करीब दस साल बाद भी बरेली-सीतापुर फोरलेन निर्माण के रोड़े दूर नहीं हो रहे हैं
जागरण संवाददाता, बरेली : करीब दस साल बाद भी बरेली-सीतापुर फोरलेन निर्माण के रोड़े दूर नहीं हो रहे हैं। कार्यदायी संस्था का बैंक खाता एनपीए होने पर बैंक ने बीच हुई रकम देने से मना कर दिया है। इससे फोरलेन का काम करीब चार महीने से लटका है। एनएचएआइ कार्यदायी संस्था को नोटिस दे चुका है। अब फोरलेन निर्माण पूरा करने को कार्यदायी संस्था को निवेशकों की तलाश है। वही, केंद्रीय परिवहन मंत्री की बैठक में इस पर सख्त निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है। 1450 करोड़ दिए, रोके 22 करोड़
फोरलेन निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था इरा कंपनी का चार बैंकों से लोन है। इसमें लीड बैंक एसबीआइ है, लेकिन विजया बैंक ने सबसे अधिक लोन दिया है। सभी बैंक मिलाकर अब तक करीब 1450 करोड़ रुपये दे चुके हैं। कंपनी द्वारा लोन नहीं चुका पाने के कारण उसका खाता एनपीए कर दिया गया। इस पर बैंक ने बचे हुए 22 करोड़ रुपये कंपनी को देने से इन्कार कर दिया है। चार महीने से रुका है काम
बरेली-सीतापुर फोरलेन का काम एनएचएआइ करवा रही है। पीपीपी मॉडल के तहत निर्माण कार्य इरा कंपनी के हवाले है। फोरलेन निर्माण शुरू होने के बाद से ही तमाम पचड़े में पड़ा रहा। करीब चार महीने से निर्माण कार्य रुका हुआ है। इस कारण एनएचएआइ ने कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है। अफसरों की माने तो 157 किमी वाले मार्ग में से 80 फीसद काम पूरा हो चुका है। 22 करोड़ मिले तो शुरू हो जाएगा टोल प्लाजा
बरेली-सीतापुर फोरलेन में अभी करीब 50 करोड़ रुपये और खर्च होने की उम्मीद है। इरा कंपनी के पीडी संजय तोमर के मुताबिक अगर बैंक बचे हए 22 करोड़ दे देता है तो फरीदपुर रोड पर जेड गांव के पास बना टोल प्लाजा शुरू हो सकता है। उसका काम करीब 70 फीसद पूरा हो चुका है। टोल प्लाजा शुरू होने के बाद रकम आनी शुरू हो जाएगी। फोरलेन में बचा ये काम
गुरुद्वारा के पास अंडरपास तैयार है, लेकिन सड़क किनारे रेलिंग नहीं लगने से खतरा बना है। द्वारिकेश शुगर फैक्ट्री के पास एक साइट का ओवरब्रिज निर्माण बचा है। इस ओर भी रेलिंग नहीं लगाई गई है। टिसुआ में सड़क के किनारे रेलिंग नहीं होने से हादसे हो रहे हैं। हरेरा के पास फ्लाईओवर पर एक ओर ट्रैफिक चल रहा है। फतेहगंज पूर्वी कस्बे में पुल अधूरा है। सर्विस रोड भी पूरी नहीं बनी है। एक ओर बना दी है, लेकिन पत्थर रखे होने से वाहन नहीं चल पा रहे। बहगुल नदी पर भी सीधी तरफ के पुल का काम चल रहा है। वर्जन::::
कार्यदायी संस्था को नोटिस दे दिया गया है। अब वह काम पूरा करने को निवेशकों की तलाश कर रही है। अगर टोल प्लाजा शुरू हो जाएगा तो समस्या नहीं रहेगी। फिलहाल 12 जून को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की बैठक में इसका निर्णय होगा।
मुकेश शर्मा, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ