एटीवीएम के लिए नई करेंसी 'कालाधन'
नई करेंसी एटीएम के बाद अब एटीवीएम (ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन) के लिए भी 'कालाधन' साबित हो रही है।
जागरण संवाददाता, बरेली : नोटबंदी के बाद जारी नई करेंसी एटीएम के बाद अब एटीवीएम (ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन) के लिए भी 'कालाधन' साबित हो रही है। पुराने खांचे होने के कारण मशीन नए नोट स्वीकार ही नहीं कर रही। इस कारण लंबी कतार से बचने की कोशिश करने वाले यात्रियों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। रेल अफसरों के पास फिलहाल समस्या का कोई समाधान नहीं है।
बरेली समेत कई जंक्शन पर यात्रियों की सुविधा के लिए ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन लगी हैं। करीब तीन साल पहले यहां मशीन स्थापित की गई। इस दौरान नोटबंदी करीब डेढ़ साल पहले हुई मगर एटीवीएम का सेंसर चेस्ट नहीं बदला गया। यही कारण है, मशीन पुरानी करेंसी तो ले लेती है, जबकि दस, पचास, दो सौ, दो हजार रुपये के जारी नए लोट डालते ही वापस उगल देती है।
बदायूं और शाहजहांपुर के सबसे ज्यादा यात्री
एटीवीएम का उपयोग करने वालों में सबसे ज्यादा बदायूं और शाहजहांपुर के लिए सफर करने वाले यात्री होते हैं। मशीन के काम न करने पर टिकट खिड़की पर लगी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। कई बार यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है।
पुरानी करेंसी भी ज्यादा मुड़ी तो वापस
पुरानी करेंसी होने की स्थिति में भी कई बार दिक्कत सामने आ रही है। एटीवीएम के सेंसर ज्यादा बार मुड़े हुए नोट को रीड नहीं कर रहे हैं। सीले या भीगे हुए नोट भी एटीवीएम से वापस आ रहे हैं।
-------
सर्विस इंजीनियर को बुलवाकर दिखवाया जाएगा कि एटीवीएम नई करेंसी क्यों नहीं ले रही है। समस्या को जल्द से जल्द ठीक कराया जाएगा।
- मनोज कुमार, स्टेशन निदेशक, बरेली जंक्शन