नेहरू ऊर्जा उद्यान को 'अमृत' की आस
प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर स्थापित पीलीभीत का सबसे प्रतिष्ठित पार्क बदहाल है।
जेएनएन बरेली : प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर स्थापित पीलीभीत का सबसे प्रतिष्ठित पार्क अपनी ही बदहाली पर रो रहा है। न घूमने को घास, पुष्पों वाली पगडंडी बची, न बच्चों के लिए झूले। उपेक्षाओं के मार से झेल रहे पार्क को सुंदरीकरण के लिए नगर पालिका ने अमृत योजना में शामिल किया। यह कवायद भी लखनऊ में जाकर अटक गई।
1990 में स्थापित हुआ था पार्क
शहर से टनकपुर हाईवे किनारे स्थित इस पार्क की स्थापना 1990 में हुई थी। यह स्थापना तत्कालीन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री मेनका गांधी के प्रयासों से हुई थी। बच्चों के मनोरंजन के लिए फव्वारा, झूले और नौका विहार बनाया गया था। शहर के लोगों के लिए स्थानीय पिकनिक स्पॉट था।
अब धरना प्रदर्शन स्थल बन गया
नगर पालिका परिषद की उपेक्षा से बदहाली तो झेल रही रहा था। उस पर बड़ा प्रहार हुआ कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन पर लगाई गई रोक से। प्रदर्शनकारियों और धरना देने वालों ने कलेक्ट्रेट के सबसे नजदीक सार्वजनिक स्थल होने पर इसे ही ठिकाना बनाना शुरू कर दिया।
बदहाली के निशान
नौका विहार के सरोवर में बरसाती पानी भरा है। इससे वहां पर तमाम गंदगी भी एकत्र हो गई है। मध्य में स्थापित फव्वारा टूटा पड़ा है। घास, पुष्प की देखरेख भी नहीं हो पा रही। झूले टूटने से बच्चे मायूस लौटते हैं।
वर्जन.
पार्क की स्थिति सुधारने की कोशिश की जा रही हैं। सुंदरीकरण के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। अमृत योजना से झूले, फव्वारा मरम्मत कराने के साथ ही सरोवर को भी नया रूप-रंग देकर नौका विहार फिर से शुरू किया जाएगा।
विमला जायसवाल, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद