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श्यामगंज पुल पर मांझे से कटी महिला सिपाही की गर्दन

दैनिक जागरण की आशंका सच साबित हुई। शहर के पुलो पर पतंगबाजी की आड़ मे साक्षात 'मौत' पेच लड़ा रही है।

By Edited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 03:46 AM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 09:03 AM (IST)
श्यामगंज पुल पर मांझे से कटी महिला सिपाही की गर्दन
श्यामगंज पुल पर मांझे से कटी महिला सिपाही की गर्दन
जागरण संवाददाता, बरेली : दैनिक जागरण की आशंका सच साबित हुई। शहर के पुलो पर पतंगबाजी की आड़ मे साक्षात 'मौत' पेच लड़ा रही है। श्यामगंज पुल चालू हुए एक महीना नही गुजरा है, एक के बाद एक लोग 'खूनी' चाइनीज मांझे का शिकार बन रहे है। तीन हादसे पहले हो चुके थे। मंगलवार की शाम फ्लाईओवर से होकर ड्यूटी पर जा रही महिला सिपाही निशाना बन गई। मांझे मे फंसकर उसकी गर्दन बुरी तरह कट गई। पीछे आ रहे एंबुलेस चालक ने सिपाही को आनन-फानन मे एक प्राइवेट अस्पताल मे भर्ती कराया, जहां ऑपरेशन करके किसी तरह उसको बचाया गया। सिपाही आरती शुक्ला शाम करीब साढ़े पांच बजे सरकारी क्वार्टर से महिला थाने ड्यूटी पर जा रही थी। श्यामगंज फ्लाईओवर को पार करते समय एकाएक चाइनीज मांझा उनकी गर्दन मे अटक गया। इससे पहले कि वह संभल पाती मांझे की धार उनके गले को चीर गई। लहूलुहान हालत मे सिपाही स्कूटी से गिर गई। गले से खून की धार बहने लगी। इलोफाक था कि पीछे निजी अस्पताल की एंबुलेस गुजर रही थी। हादसा देख ड्राइवर मनोज महिला सिपाही को लेकर अस्पताल पहुंच गया। ओपीडी मे सारे डॉक्टर मौजूद थे। तत्काल ऑपरेशन करके किसी तरह महिला सिपाही की जान बचाई गई। सूचना पर महिला थाने के अलावा तमाम अधिकारी व पुलिस वाले अस्पताल पहुंच गए। एक सूत दूर गई थी मौत खुशलोक अस्पताल के डॉक्टर विनोद पगरानी ने बताया कि मांझे से सांस नली आधी कट गई। अगर एक सूत भी और बढ़ता मांझा तो सिपाही की मौके पर ही मौत हो जाती।

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