Move to Jagran APP

राष्ट्रीय युवा दिवस 2021 : बुखार में बरेली पहुंचे थे युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद

National Youth Day 2021 करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद का बरेली से जुड़ाव रहा है। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। विद्या और वैदुष्य के साथ उन्हें दैनंदनि जीवन का अच्छा तजुर्बा था। वह अपना खाना स्वयं बनाते थे और दूसरों को खिलाते थे।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 08:10 AM (IST)
राष्ट्रीय युवा दिवस 2021 : बुखार में बरेली पहुंचे थे युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद
राष्ट्रीय युवा दिवस 2021 : बुखार में बरेली पहुंचे थे युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद

बरेली, अंकित शुक्ला। National Youth Day 2021 : धर्म, अध्यात्म और मंदिरों के शहर नाथनगरी संतों की साधना का प्रमुख केंद्र रही है। देश के प्रमुख संतो के जीवन में नाथनगरी ने भी ज्ञान का प्रकाश ही भरा है। स्वामी विवेकानंद ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया और अध्यात्म के जरिए शांति का मार्ग दिखाया। स्वामी विवेकानंद ने यहां चार दिन प्रवास के दौरान अपने ओजस्वी वक्तव्य से जनमानस को अवगत कराया था।

loksabha election banner

राष्ट्रीय चेतना और आध्यात्मिक जागरण के प्रतीक पुरुष युगनायक, विशेष परिधान व आध्यात्मिक व्याख्यानों से वैश्विक स्तर पर भारत की बेहतर छवि पेश करने वाले स्वामी विवेकानंद ने चार दिन प्रवास के दौरान बरेली क्लब, पटेल चौक स्थित अनाथालय में प्रवचन दिया था। सदर कैंट निवासी लेखक राजेश चौधरी ने अपनी पुस्तक बरेली के प्राचीन देवालय में बरेली की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि का संक्षिप्त विवरण में इस बात का जिक्र किया है।

जागरण से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद का बरेली से जुड़ाव रहा है। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। विद्या और वैदुष्य के साथ उन्हें दैनंदनि जीवन का अच्छा तजुर्बा था। वह अपना खाना स्वयं बनाते थे और दूसरों को खिलाते थे। लेखक के मुताबिक उनकी किताब में उनके आने की तिथि त्रुटिवश नहीं प्रकाशित हो सकी थी। बताया कि चार दिन प्रवास के बाद स्वामी जी 12 अगस्त 1897 को बरेली से अंबाला ट्रेन से रवाना हो गए थे।

युग नायक विवेकानंद में भी है बरेली आने का उल्लेख

स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर आधारित स्वामी गंभीरानंद द्वारा लिखित पुस्तक युग नायक विवेकानंद में भी स्वामी जी के बरेली आने का उल्लेख है। पुस्तक के मुताबिक विवेकानंद जी नौ अगस्त 1897 को बरेली पहुंचे थे और यहां से 12 अगस्त को अंबाला ट्रेन से रवाना हो गए थे। जहां वह सहारनपुर भी कुछ देर रुके थे।

द लाइफ ऑफ स्वामी विवेकानंद में भी है बरेली का उल्लेख

स्टेडियम रोड स्थित रामकृष्ण विवेकानंद केंद्र स्टेडियम रोड पर चलाने वाले डा. अमित तरफदार बताते हैं कि अद्वैत आश्रम द्वारा प्रकाशित स्वामी विवेकानंद पर लिखी गई किताब द लाइफ ऑफ स्वामी विवेकानंद बाई हिज ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डिसाइपल्स में उनके बारे में विस्तार से लिखा गया है। जिसमें उनके बरेली आने से ठहरने व रुकने, प्रवचन देने की बात लिखी है। किताब के पेज 36 में लिखा है कि वह नौ अगस्त 1897 को अल्मोडा से काठगोदाम के रास्ते बरेली आए थे।

इस दौरान वह बीमार भी थे। बरेली क्लब में प्रिय नाथ बाबू ने उनका व उनके साथियों का स्वागत किया था। 10 अगस्त को पटेल चौक चौराहा के पास बने अनाथालय में बच्चों से भी मिले। यहां उन्होंने युवाओं के साथ एक बैठक कर ग्रुप बनाया था जो कि दूसरों के लिए कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरित किया था। 12 अगस्त 1897 को वह अंबाला कैंट के लिए ट्रेन से रवाना हो गए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.