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बहगुलपुर की जमीन खरीद पर फिर मुकरा निगम, एक दस्तावेज नहीं

बरेली(जेएनएन)। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेट प्लांट लगाने के लिए फरीदपुर के गांव बहगुलपुर में खरीदी गई 110 बी

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 04:24 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 04:24 PM (IST)
बहगुलपुर की जमीन खरीद पर फिर मुकरा निगम, एक दस्तावेज नहीं
बहगुलपुर की जमीन खरीद पर फिर मुकरा निगम, एक दस्तावेज नहीं

बरेली(जेएनएन)। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेट प्लांट लगाने के लिए फरीदपुर के गांव बहगुलपुर में खरीदी गई 110 बीघा भूमि के संबंध में जरूरी दस्तावेज नगर निगम के पास नहीं हैं। वही, रजऊ परसपुर स्थित प्लांट को चलाने को कंपनी से किया गया अनुबंध भी अब तक खत्म नहीं हुआ है और प्लांट शिफ्ट करने की तैयारी हो रही है।

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-ये मांगी गई थी जानकारियां

- जमीन खरीद के संबंध में महामहिम राज्यपाल का प्राधिकार पत्र या सहमति पत्र

- इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति उमेश गौतम और उप्र. सरकार के मध्य हुए समझौते की प्रतिलिपि

- डीएम का वह आदेश जिसमें उन्होंने नगर निगम को जमीन खरीदने की सहमति दी

- रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेट प्लांट को चलाने वाली अंतिम कंपनी का नाम व उसे हटाए जाने संबंधित आदेश

- रजऊ परसपुर से प्लांट अन्यत्र स्थानांतरित करने में सहयोग करने को इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा 15 जून 2017 को दिया गया पत्र बोर्ड की बैठक में नहीं रखने की वजह

- नगर निगम ने बहगुलपुर में जमीन खरीदी है या उसे भूमि दान में मिली। क्या निगम किसी से भूमि दान में ले सकता है, अगर हां तो किस आधार पर -निगम ने दी ये सूचनाएं

- कोई अभिलेख पत्रावली में उपलब्ध नही है।

- इस प्रकार का कोई अभिलेख पत्रावली में उपलब्ध नहीं है।

- जिलाधिकारी द्वारा उपनिबंधक फरीदपुर को स्टांप देयता से मुक्त लेखपत्र पंजीकृत करने को अनुमति प्रदान की गई।

- रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेट प्लांट चलाने वाली अंतिम कंपनी एकेसी डेवलपर्स थी। कंपनी को हटाने का कोई आदेश नहीं हुआ बल्कि कंपनी एनजीटी के आदेश 30 मई 2014 के क्रम में पूर्णता बंद है।

- प्लांट का दोबारा संचालन करने को समाचार पत्रों के माध्यम से नवंबर 2016 को ईओआइ आमंत्रित की गई। प्लांट दोबारा चलाने को हरी-भरी रिकसाइकेबल प्रा. लि. का चयन किया गया। दो जनवरी 2017 को अनुबंध और 29 मई 2017 को लीज डीड की गई। इस कारण इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा 15 जून 2017 को दिया गया पत्र बोर्ड की बैठक में नहीं रखा गया।

- इस प्रकार का कोई अभिलेख पत्रावली में उपलब्ध नहीं है।


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