डिस्टेंस एजुकेशन के आड़े आ सकती नैक की रैंक
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डिस्टेंस लर्निग (मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा) की राह आसान कर दी है।
जागरण संवाददाता, बरेली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डिस्टेंस लर्निग (मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा) की राह आसान कर दी है। अब विश्वविद्यालय नियमित शिक्षा के साथ दूरस्थ शिक्षा भी प्रदान कर सकेंगे। शर्त यह है कि संस्थानों को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) के निरीक्षण में 3.6 अंकों के साथ रैंक हासिल को हुई हो।
सोमवार को यूजीसी ने दूरस्थ शिक्षा संशोधित अधिनियम जारी किया है। इसके मुताबिक, कोई विश्वविद्यालय अपने यहां दूरस्थ शिक्षा के पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं। वहीं, रुहेलखंड विश्वविद्यालय को नैक से बी प्लस रैंक मिली हुई है। हालांकि, विवि के एक प्रोफेसर बताते हैं कि यूजीसी ने जो 3.6 अंकों के साथ रैंकिंग का मानक रखा है, उस पर रुविवि खरा नहीं उतरता है। रुविवि को नैक से तीन से कम अंकों के साथ ग्रेड मिला हुआ है। दूरस्थ शिक्ष प्रणाली अपनाने के लिए विवि को नैक मूल्यांकन के लिए दोबारा आवेदन करना होगा।
ऑनलाइन कोर्स की तैयारी में विवि
रुविवि का इंजीनिय¨रग विभाग बीटेक की सभी छह शाखाओं में मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की तैयारी में है। इंजीनिय¨रग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर व तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि यह दूरस्थ शिक्षा से अलग हैं। इसमें नैक रैंकिंग की अनिवार्यता नहीं है। विवि में इसकी कवायद शुरू हो चुकी है। इसमें कोई भी विद्यार्थी सेल्फ स्टडी कर परीक्षा दे सकेगा। उन्हें परीक्षा के बाद प्रमाण पत्र व मार्कशीट दी जाएगी।
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-मैं बाहर हूं, इसलिए दूरस्थ शिक्षा का पत्र नहीं देखा है। विवि पहुंचकर इसे देखूंगा, जो संभव होगा वह किया जाएगा।
प्रोफेसर अनिल शुक्ल, कुलपति रुविवि